बिना फास्टैग गाड़ियां टोल कर रही पार, वाहन चालकों का नया जुगाड़
शेरपुर चमराह के मैनेजर बीके त्रिपाठी ने बताया कि 95 फीसदी से अधिक गाड़ियों में फास्टैग लगा हुआ है।
गोरखपुर। फास्टैग को लेकर सरकार भले ही सख्ती दिखाए लेकिन लोकल वाहन स्वामी टोल से बचने के लिए खूब जुगाड़ कर रहे हैं। लोकल वाहन स्वामी फास्टैग पर कागज या पॉलीथिन लगाकर आधार कार्ड दिखाकर टोल क्रास करने की जुगत में दिख रहे हैं। ये वाहन स्वामी मासिक 285 रुपये के शुल्क को देने से बच रहे हैं। गोरखपुर-बस्ती मंडल के विभिन्न टोल प्लाजा से रोज 10 से 15 फीसदी गाड़ियां बिना फास्टैग लगी गुजर रही हैं। इनमें बड़ी संख्या लोकल वाहन स्वामियों की है।
महराजगंज के नौतनवां स्थित छपवा टोल प्लाजा प्रबंधक जय सिंह ने बताया कि 85 फीसदी से उपर वाहन स्वामी इन दिनों फास्टैग का इस्तेमाल कर रहे हैं। दो हजार के करीब गाड़ियां इस टोल प्लाजा से प्रतिदिन आवागमन कर रहे हैं। इनमें से लोकल वाहन स्वामी फास्टैग को लेकर बेपरवाह हैं। इनकी कोशिश होती है कि बिना टोल दिये ही प्लाजा क्रास कर लें। वहीं कुशीनगर के मुजहना हेतिम टोल प्लाजा से लगभग 90% फास्टैग लगी गाड़ियां गुजर रही हैं। टोल मैनेजर अमित कुमार सिंह ने बताया कि टोल से 24 घंटों में लगभग दस से ग्यारह हजार वाहन गुजरते हैं। सभी वाहनों में फास्टैग में रिटर्न की भी सुविधा दी गई है। साथ ही फास्टैग एक्टीवेट के लिए खातों में 150 रुपए बैलेंस होना अनिवार्य है।
फास्टैग को ढक कर टोल बचाने का जुगाड़
गोरखपुर-सोनौली मार्ग के पीपीगंज स्थित नयन्सर टोल पर चौबीस घण्टे में करीब 6000 गाड़ियां आने जाने में गुजरती हैं। करीब 84 प्रतिशत गडियां फास्टैग से भुगतान कर रही है। शेष अभी भी दो गुना टोल दे रही है। लोकल वाहन स्वामी भी फास्टैग को लेकर बेपरवाह हैं। करीब 50 प्रतिशत गाड़ियों में फास्टैग नहीं लगा है। टोल से बचने के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं। ये फास्टैग को ढक कर आधार कार्ड से ही जाते है। नयन्सर टोल के प्रबन्धक शरद कुमार सिंह ने बताया कि लोकल वाहन स्वामी ही फास्टैग को लेकर अधिक परेशान करते हैं।
नेपाली नंबर की गाड़ियों को देना पड़ रहा डबल टोल
वहीं जंगल कौड़िया से जगदीशपुर स्थित तेनुआ टोल प्लाजा पर बिना फास्टैग वाली गाड़ियां से डबल पर्ची काटी जा रही है। जिससे फास्टैग वाली गाड़ियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। टोल से 95 प्रतिशत फास्टैग लगी गाड़ियां गुजर रही हैं। शेष 5 प्रतिशत गाड़ियों से दो गुना पर्ची काटी गई। वहीं शेरपुर चमराह के मैनेजर बीके त्रिपाठी ने बताया कि 95 फीसदी से अधिक गाड़ियों में फास्टैग लगा हुआ है। टोल से रोज 1100 से 1200 गाड़ियां गुजरती हैं। मैनेजर ने बताया 5 % गाड़ियां जो बिना फास्टैग के गुजर रही हैं उनमें लोकल अधिक हैं। लोगों का कहना है कि खेत पर जाने के लिए भी टोल देना पड़ रहा है। यह नियम ठीक नहीं है। वहीं नेपाली नंबर की गाड़ियों को भी दोगुना टोल देना पड़ रहा है।
रिपोर्ट- पूर्णिमा श्रीवास्तव