पशु चिकित्सा संघ ने 11 सूत्रीय मांग उठाई, विभाग में 291 पद खाली, PM गोबरधन योजना को लागू करने की मांग
यूपी सरकार के पशुधन कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह से पशुचिकित्सकों की विलंबित समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने वार्ताकर ज्ञापन सौंपा।
Lucknow: उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) के पशुधन कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह (Minister Dharampal Singh) से पशुचिकित्सकों की विलंबित समस्याओं (Veterinarian's problems) के त्वरित निस्तारण को लेकर उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने वार्ताकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मंत्री को अवगत कराया गया कि इमरजेंसी सेवा घोषित न होने के बाद भी पशुचिकित्सकों द्वारा इमरजेंसी चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई जा रही है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने पशुचिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस (private practice) का आदेश दे रखा है। साथ ही, 24 घण्टे पशुचिकित्सकों को निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों की निगरानी के लिए नोडल अधिकारी बना रखा है।
अपर निदेशक सहित डिप्टी पशु चिकित्सा अधिकारियों के 291 पद खाली
अपर निदेशक श्रेणी-1 के चार पदों, अपर निदेशक श्रेणी-2 के 10 पदों, संयुक्त निदेशक व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के 35 और ज्यादातर तहसीलों में खाली पड़े उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के 242 पदों को भरने हेतु 4 वर्ष से विलंबित डीपीसी कराने की मांग की गई।
PM गोबरधन योजना को लागू करने की मांग
वार्ता में निराश्रित गोवंश की उपादेयता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री गोबरधन योजना (Prime Minister's Gobardhan Yojana) को लागू कर, गोवंश गोबर गोमूत्र आधारित आर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने की मांग की गई। जिससे किसानों की आय गोबर गोमूत्र बेचकर बढ़ाई जा सके और गोवंश को छोड़ने की प्रवृत्ति पर रोक लग सके। आश्रय स्थलों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी हेतु निराश्रित गोवंश संरक्षण कार्य से जुड़े सभी 9 विभागों को सक्रिय करने की भी मांग की गई। जिससे गोबर गोमूत्र आधारीय उत्पादों (गोबर का लट्ठा, वर्मीकम्पोस्ट, गोबर से वैदिक पेंट, बायोपेस्टीसाइड) के निर्माण, उपयोग, विपणन में तेज़ी लायी जा सके।
पशु चिकित्सा संघ ने मंत्री के सामने रखी 11 सूत्रीय मांग:-
1. सरकार के साथ संघ के 03 अक्टूबर, 2017 को हुए समझौते (पशुचिकित्सकों को कम्पलीट मेडिकल पैरिटी, NPA) को लागू किया जाय।
2. पशुचिकित्सकों की डेढ़ वर्ष से विलंबित ACP, 4 वर्ष से विलंबित DPC तत्काल कराई जाए।
3. 05 वर्षों से विलंबित 192 प्लान अस्पतालों के चिकित्सकों का non plan में conversion किया जाय।
4. निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों का नोडल पंचायतीराज विभाग को बनाया जाय, जो बजट का अंतिम उपयोगकर्ता है साथ ही पंचायतीराज एक्ट के अनुसार विधिक, प्रशासनिक, वित्तीय शक्तियों से अभिहित है।
5. पशुचिकित्सकों के 300 से ज्यादा खाली पदों को तत्काल भरा जाय।
6. निराश्रित गोवंश संरक्षण हेतु पृथक निदेशालय की स्थापना की जाय जिससे गोवंश संरक्षण कार्यों की पूर्णकालिक निगरानी सम्भव हो सके।
7. उत्तर प्रदेश पशु चिकित्सा सेवा को इमरजेंसी चिकित्सा सेवा घोषित किया जाय ।
8. मिसिंग चरित्र प्रविष्टियों तथा खराब चरित्र प्रविष्टियों के 100 से अधिक प्रकरणों का समयबद्ध निस्तारण किया जाय और प्रोन्नति में ऐसे प्रकरणों में शासनादेशों के अनुसार लाभ प्रदान किया जाय।
9. वर्ष 2009 से पशुचिकित्सकों की विलंबित स्थायीकरण सूची अविलम्ब जारी की जाय।
10. प्रदेश की 48 नवसृजित तहसीलों पर उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों के पद उच्चीकृत किये जायें।
11. निराश्रित गोवंश के मामलों में निलंबित निर्दोष पशुचिकित्सकों को बहाल किया जाय, समस्त कार्यवाहियों का समयबद्ध निष्पक्ष निस्तारण किया। निलंबन से पूर्व विभागाध्यक्ष, पशुचिकित्सकों के पक्ष को अवश्य सुना जाय।