7 दिनों तक पुलिस को ऐसे चकमा देता रहा विकास दुबे, कोई पैंतरा नहीं आया काम
कानपुर गोलीकांड में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को शुक्रवार सुबह उज्जैन से कानपुर ले जाते समय एसटीएफ की टाटा सफारी गाड़ी पलट गई, जिसमें विकास दुबे बैठा था।
लखनऊ: कानपुर गोलीकांड में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे को शुक्रवार सुबह उज्जैन से कानपुर ले जाते समय एसटीएफ की टाटा सफारी गाड़ी पलट गई, जिसमें विकास दुबे बैठा था। इसके बाद विकास दुबे ने पुलिस से हथियार छीन कर भागने की कोशिश की जिसमें हुई फायरिंग में विकास दुबे को गोली लगी है। इसके बाद उसकी मौत हो गई।
पुलिसवालों की हत्या के बाद से ही विकास दुबे फरार हो गया और 7 दिनों तक 3 राज्यों की पुलिस चकमा देता रहा है। इसके बाद उसके गुरुवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन में उसने सरेंडर कर दिया, हालांकि उसने बचने का कोई भी पैंतरा काम नहीं आया।
उज्जैन से कानपुर ले जाते समय बारिश की वजह से पुलिस की गाड़ी पलट गई जिसमें विकास दुबे बैठा हुआ था। इसके बाद उसने पुलिस वालों का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की, इसके बाद एसटीएफ ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया।
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पुलिस को सात दिनों तक अलग-अलग राज्यों में दौड़ाने वाला विकास दुबे गुरुवार को पुलिस की पकड़ में आ गया। पुलिस के पकड़े जाने के बाद उसने चिल्ला चिल्लाकर कहा कि मैं विकास दुबे, कानपुर वाला। कानपुर हत्याकांड के आरोपी विकास दुबे ने 7 दिनों से यूपी पुलिस की नींद उड़ा कर रख दी थी। वो उज्जैन के महाकाल मंदिर में पकड़ा गया। इसके बाद पुलिस को उसकी यूपी, हरियाणा और एमपी में होने की जानकारी मिली थी।
5 लाख का रखा था इनाम
गौरतलब है कि विकास दुबे पर पुलिस ने 5 लाख की इनाम राशि की घोषणा की हुई थी, लेकिन विकास दुबे यूपी पुलिस को चकमा देकर कानपुर से उज्जैन के महाकाल के दरबार में पहुंच गया। यहां उसने भगवान महाकाल के दर्शन किए।
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कोई पैंतरा नहीं आया काम
विकास ने महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पर्ची कटवाई, फूल खरीदे, लेकिन अपना नाम गलत बताया और फर्जी आई कार्ड दिखाया। उज्जैन पुलिस पकड़ने के बाद विकास दुबे चिल्लाने लगा कि वो विकास दुबे है। लेकिन उसका कोई पैंतरा काम नहीं आया।
बुधवार रात उज्जैन के डीएम आशीष सिंह और एसएसपी मनोज कुमार भारी महाकाल मंदिर पहुंचे थे। इसके बाद मीटिंग की, लेकिन इस मीटिंग का विकास दुबे से कनेक्शन था या नहीं। उज्जैन के डीएम ने बताया कि विकास दुबे ने वहां मौजूद पुलिसकर्मियों से हाथापाई की थी। कितनी भी बचने की कोशिश की हो, विकास दुबे का एनकाउंटर हो गया है।
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बता दें कि विकास दुबे और उसके साथियों ने आठ पुलिस वालों की हत्या के बाद हैवानियत भी की थी। विकास दुबे ने पुलिस को बताया था शव घर के करीब ही गांव के कुएं में जलाना चाहता था।
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