Sonbhadra News: सामने आया बड़ा घोटाला, कोराना के नाम पर सरकारी धन की बंदरबांट, हालात देख राज्य स्तरीय टीम भौंचक

Sonbhadra News: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीजीएम आनंद कुमार की अगुवाई वाली टीम जब जिला अस्पताल पहुंची। यहां कोरोना से बचाव के इंतजाम जहां नदारद नजर आए।

Published By :  Monika
Update:2021-09-29 15:30 IST

सोनभद्र अस्पताल की ऐसी दिखी हालत (फोटो : सोशल मीडिया ) 

Sonbhadra News: आकांक्षी जिले के नाम पर सोनभद्र में स्वास्थ्य सेवाओं (health services) को बेहतर बनाने और कोरोना (coronavirus) से बचाव के लिए आने वाला भारी-भरकम बजट (Budget) बंदरबांट की भेंट चढ़ रहा है। कई सामग्रियों की आपूर्ति में गड़बड़ी के आरोप (gadbadi ke aarop) तो लग ही रहे हैं। मंगलवार को तीन दिवसीय दौरे पर सोनभद्र पहुंची राज्य स्तरीय टीम भी यहां के हालात देख भौंचक रह गई। रिकॉर्डों के रखरखाव में गड़बड़ी, सेवाओं की बदइंतजामी तो दिखी ही, जिला अस्पताल (district hospital) में कोरोना हेल्प डेस्क (corona help desk) का बोर्ड बाथरूम के गेट पर पड़ा मिला। अर्बन हेल्थ सेंटर (Urban Health Center) पर शिकायत पेटिका की चाबी गुम मिली तो एक ही फर्म को कई कामों का ठेका और हर माह साफ-सफाई पर अच्छी खासी रकम खर्च होने के बावजूद जहां-तहां पसरी गंदगी सरकारी धन के बंदरबांट की कहानी बयां करती नजर आई।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डीजीएम आनंद कुमार (National Health Mission DGM Anand Kumar) की अगुवाई वाली टीम सबसे पहले जिला अस्पताल पहुंची। यहां कोरोना से बचाव के इंतजाम जहां नदारद नजर आए। वहीं इमरजेंसी में फर्श पर बिखरा खून, बाथरूम के गेट पर कोने में पड़ा कोरोना हेल्प डेस्क का बोर्ड टीम को एकबारगी हतप्रभ कर गया। अस्पताल के भीतर कोरोना से बचाव के लिए लोगों के जागरूक करने के निमित्त न तो कहीं कोई बोर्ड दिखा, ना ही कहीं बैनर नजर आया। वार्डों में गंदगी के साथ बेड अस्त-व्यस्त हाल में पड़े मिले। बेडों से चादरें नदारद थीं। कोविड प्रोटोकॉल (covid protocol) की भी धज्जियां उड़ती नजर आईं।

अस्पताल के बाहर लगी भीड़ (फोटो : सोशल मीडिया )

दवा काउंटर से लेकर मरीजों के वार्ड तक लोगों की भीड़ लगी थी। मरीजों और तीमारदारों के बीच दूरी बनाए रखने को लेकर भी इंतजाम नदारद थे। भीड़ के स्थानों पर कहीं कोई नियम निर्देश की IEC अथवा सूचना नहीं थी। बगैर मास्क के भीड़ लगाकर लोग कहीं भी बेरोकटोक आ जा रहे थे। बाथरूम, बेसिन गंदगी से पटे पड़े थे। कमोबेश यही स्थिति जिले के एकमात्र अर्बन हेल्थ सेंटर की भी मिली। यहां लगी शिकायत पेटिका (जिसके नीचे प्रत्येक शनिवार को खोले जाने की बात अंकित थी) को कोरोना के चलते छह माह पूर्व खोले जाने की बात बताई गई। टीम ने चाबी की मांग की तो वह गुम बतायी गयी। दवाओं के स्टॉक वितरण रजिस्टर तथा आय व्यय रजिस्टर की प्रविष्टियां भी गलत मिलीं। एक ही फर्म को पेंटिंग कार्य, बैनर कार्य, खानपान, मिस्त्री की आपूर्ति, स्टेशनरी सामग्री, फिनायल -तेजाब आपूर्ति सहित कई कार्यों का ठेका दिये जाने को देख जहां टीम भौंचक्का हो उठी।

अस्पताल में बेड की हालत (फोटो : सोशल मीडिया )

इमरजेंसी वार्ड में खाली मिला ऑक्सीजन सिलेंडर

कोरोना की दूसरी लहर में जिस ऑक्सीजन को लेकर पूरे प्रदेश में हाय तौबा मची थी। वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में खाली मिला। स्थिति जांचने पहुंची टीम ने वार्ड ब्वॉय को बुलाकर ऑक्सीजन सिलेंडर खोलने के लिए कहा तो उसे सिलेंडर खोलने ही नहीं आया। फार्मासिस्ट ने आकर सिलेंडर खोला तो पता चला कि सिलेंडर पूरी तरह से खाली है। डीजीएम ने नाराजगी जताई तो कहा गया कि भरा सिलेंडर लाकर लगा दिया जा रहा है। यह स्थिति तब मिली जब कुछ घंटे पहले ही दो लोगों की मौत हो चुकी थी।

जननी सुरक्षा योजना को लेकर भी मिली शिकायत

जिले में पहुंची राज्य स्तरीय टीम को जननी सुरक्षा योजना के क्रियान्वयन में भी गड़बड़ी बरते जाने की शिकायत मिली। जिला अस्पताल प्रसव कराने पहुंची एक महिला ने टीम को बताया कि पहली डिलीवरी का जननी सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाला लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है। जबकि इसको लेकर वह कई बार कागजात जमा कर चुकी है। इसी तरह एक महिला ने छह माह पूर्व हुए प्रसव का जननी सुरक्षा योजना के तहत लाभ न मिलने की शिकायत दर्ज कराई। कुछ और महिलाओं ने गड़बड़ी की शिकायत की। टीम ने सभी शिकायतों को सूचीबद्ध कर जरूरी कार्रवाई का भरोसा दिया।

कार्रवाई के लिए शासन को सौंपी जाएगी गड़बड़ी की रिपोर्ट

जांच टीम के अगुवा डीजीएम डॉ. आनंद अग्रवाल ने बताया कि जिला अस्पताल, अर्बन हेल्थ सेंटर के साथ ही सीएचसी और पीएचसी की स्थिति दिखवाई जा रही है। जहां जो भी स्थिति मिलेगी, उसकी रिपोर्ट उचित माध्यम के जरिए आवश्यक कार्रवाई के लिए शासन को सौंपी जाएगी।

केंद्रीय टीम की जांच में हो सकता है बड़े घपले का खुलासा

कोरोना कॉल के दौरान पहली और दूसरी लहर के समय बचाव और जागरूकता के नाम पर खर्च की गई करोड़ों की रकम में बड़ा घपला सामने आ सकता है। सूत्र बताते हैं कि जल्द ही केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण टीम जिले का दौरा कर सकती है। सूत्रों पर भरोसा करें तो वह टीम आय-व्यय की स्थिति जांचने के साथ ही, ली गई सामग्रियों की आपूर्ति और किए गए व्यय की भौतिक स्थिति भी जांचेगी। चर्चा है कि ऐसा हुआ तो जिले में पकड़े गए पूर्व के घोटालों की तरह कोरोना काल में किए गए खर्च में भी बड़ा घपला सामने आ सकता है।

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