कोरोना पॉजिटिव विक्की बना आम लोगों के लिए खतरा, बेधड़क घूम रहा बाहर

Newstrack के कैमरे में कोरोना संक्रमित मरीज की एक ऐसी हरकत कैद हुई है, जिसे जान आप सहम जाएंगे।

Report :  Network
Published By :  Shivani
Update:2021-04-16 18:14 IST

कोरोना मरीज सड़क पर (Photo-Newstrack)

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कड़ी कड़े प्रतिबंधों के बाद भी संक्रमण फैलता जा रहा है। वजह कई होंगी पर Newstrack के कैमरे में एक बड़ी और गंभीर वजह साफ़ कैद हो गयी। जब एक कोरोना संक्रमित मरीज, जो कि अस्पताल में डीएम के निर्देश पर एडमिट कराया गया था, सड़कों पर टहलने निकल जाए और लोगों के सम्पर्क में आये तो कोरोना कैसे थमेगा?

दरअसल, लखनऊ में कुछ दिनों पहले न्यूज़ ट्रैक के फ़ोटोजर्नलिस्ट आशुतोष त्रिपाठी ने विक्की नाम के शख्स की खबर की थीं। बीते दस अप्रैल को विक्की कोरोना पॉज़िटिव पाया गया था। प्रशासन ने संक्रमित को हज़रतगंज इलाक़े के एक पेट्रोल पंप के पास खुले आसमान में क्वारंटीन कर दिया। न्यूज़ट्रैक ने खबर को प्रमुखता से चलाया, जिसकी जानकारी पर लखनऊ जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने मरीज को स्वयं सिविल अस्पताल ले जाकर भर्ती करवा दिया। 

सिविल अस्पताल भूला अपनेे मरीजों को

लेकिन शायद न तो वह संक्रमित मामले की गंभीरता को समझ सकता है और न ही सिविल अस्पताल प्रशासन इतना जिम्मेदार है, जो कोविड मरीजों की देखरेख या निगरानी कर सकता है। यही वजह है कि संक्रमित विक्की अस्पताल से लगातार बाहर निकल सड़को पर टहल रहा है। खुलेआम लोगों से मिल रहा है। दुकानों पर बैठ चाय की चुस्की ले रहा है और अस्पताल प्रशासन को भनक तक नहीं कि कोविड मरीज अपने बेड से गायब है।

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लगातार दो दिन से संक्रमित अस्पताल से बाहर निकला

15 अप्रैल को कोरोना मरीज को सड़क पर घूमता देखा गया, जिसके बाद उसे पहचान कर जब पूछा गया कि तुम यहां क्या कर रहे हो तो मरीज बेफिक्री से कहने लगा, अंदर मन नहीं लग रहा था। उसकी सूचना अस्पताल और पुलिस को दी गयी। जिसके बाद उसे वापस कोविड वार्ड में ले जाया गया।

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लेकिन सिविल अस्पताल ने कोरोना मरीजों को अपने हाल पर छोड़ दिया है। तभी तो आज फिर संक्रमित एक चाय की दुकान पर नजर आ गया। उसने दूकान पर चाय पी। खाने के लिए कुछ पैक कराया। दूकानदार को पैसे दिए और कई लोगों के बीच से आराम से निकल गया। इस दौरान उसने मास्क तक नहीं पहना हुआ था।

जिम्मेदार कौनः

कोरोना संक्रमित होने की जानकारी के बाद इस तरह बाहर घूमना और लोगों के संपर्क में आना लापरवाही नहीं अपराध माना जाना चाहिए। सवाल उठता है कि इस तरह के अपराध का जिम्मेदार कौन है? कोरोना मरीज विक्की, जो अस्पताल में मन नहीं लगने पर बाहर निकल जाता है? या अस्पताल प्रशासन, जहां संक्रमित मरीजों की निगरानी की कोई पुख्ता व्यवस्था ही नहीं है?

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