मुंबई ब्यूरो से मयंक शर्मा
विश्व हिंदी दिवस पर वैश्विक हिंदी संगोष्ठी
मुंबई, 7 जनवरी। हिंदी दिवस हो या विश्व हिंदी दिवस सामान्यत: इन से संबंधित आयोजनों में हिंदी भाषा की ही बात होती है लेकिन विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में मुंबई में आयोजित वैश्विक हिंदी संगोष्ठी में हिंदी के साथ अन्य भारतीय भाषाओं के समन्वय को प्रमुख विषय बनाया गया है। वैश्विक हिंदी संगोष्ठी का आयोजन 11 जनवरी को के.सी. कॉलेज, चर्चगेट, मुंबई में ‘वैश्विक हिंदी सम्मलेन’ द्वारा ‘महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी’, एवं केसी कॉलेज, मुंबई के साथ मिलकर किया जा रहा है। कार्यक्रम 11 जनवरी को दोपहर 1.30 बजे से प्रारम्भ होगा। विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर इस विषय को रखे जाने के संबंध में ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ के निदेशक डॉ. एम,एल. गुप्ता ‘आदित्य’ का कहना है, “शिक्षा और रोजगार में अंग्रेजी के प्रभुत्व के बढ़ने के चलते आज न केवल हिंदी बल्कि सभी भारतीय भाषाओं की जमीन खिसकती जा रही है। हम लड़ रहे हैं और वे हमें गिरा कर बढ़ रहे हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि सभी भारतीय भाषाएँ मिलकर अपने प्रतिष्ठापन के लिए कार्य करें।"
हिंदी एवं भारतीय भाषाओं के प्रतिष्ठापन के लिए नामचीन हस्तियों का जमावड़ा
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल, कुलपति, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्विद्यालय, वर्धा एवं विशिष्ट अतिथि महाराष्ट्र शासन में राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त श्री अमरजीत मिश्र होंगे। वैश्विक हिंदी संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि एवं सम्मान मूर्ति के रूप में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री कृष्ण प्रकाश, उपस्थित रहेंगे। महाराष्ट्र के पुलिस महानिरीक्षक श्री कृष्ण प्रकाश को कार्यक्रम में ‘वैश्विक हिंदी सम्मान’ से विभूषित किया जाएगा। पुलिस महानिरीक्षक श्री कृष्ण प्रकाश ने अपनी सिविल सेवा परीक्षा हिंदी विषय के साथ उत्तीर्ण कर यह साबित किया कि यदि लगन और मेहनत के साथ कार्य किया जाए तो अपनी भाषा के माध्यम से भी कोई व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है। कार्यक्रम में ‘भाभा परमाणु अनुसन्धान केंद्र’ के सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ विजय भार्गव को भी ‘वैश्विक हिंदी सेवा सम्मान’ से विभूषित किया जाएगा। डॉ. विजय भार्गव को भी ‘वैश्विक हिंदी सेवा सम्मान से विभूषित किया जाएगा। डॉ. विजय भार्गव ने एक वरिष्ठ वैज्ञानिक होने के बावजूद आजीवन हिंदी प्रतिष्ठापन के लिए कार्य किया। यही नहीं, उन्होंने परमाणु ऊर्जा से संबंधित अपनी पीएचडी का शोध ग्रंथ भी हिंदी में लिखा और बाद में मांगने पर उसका अंग्रेजी अनुवाद भी प्रस्तुत किया था, ताकि हिन्दीतर भाषी जांचने वालों को कठिनाई न हो। उन्होने इस विषय पर हिंदी में अनेक पुस्तकें भी लिखी हैं। इन सभी नामचीन हस्तियों के साथ साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में सुनील जोड़े, अध्यक्ष, इंडियन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स फॉर अफ्फर्मटिवे एक्शन, भी कार्यक्रम में सहभागिता करेंगे।
‘महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी’ की और से कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे एवं ‘वैश्विक हिंदी सम्मलेन’, मुंबई के निदेशक डॉ एम एल गुप्ता आदित्य, ने हिंदी एवं भारतीय भाषाओं के भाषा - प्रेमियों को कार्यक्रम में आमंत्रित किया है। कार्यक्रम में विभिन्न भाषाओं के प्रतिनिधियों व विद्वानों द्वारा भारतीय-भाषाओं की साझा समस्याओं और समन्वय की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा।
वैश्विक हिंदी सम्मलेन के बारे में
‘वैश्विक हिंदी सम्मलेन’ के अभियान के बारे में पूछने पर भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त भाषा-सेवी डॉ. एम.एल. गुप्ता ने बताया, ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ हिंदी एवं अन्य भारतीय-भाषाओं के प्रयोग व प्रसार के लिए प्रयासरत हिंदी प्रेमियों, भारतीय-भाषा प्रेमियों, राजभाषाकर्मियों, साहित्यकारों, हिंदी-मीडियाकर्मियों, सिनेमाकर्मियों, हिंदी शिक्षकों, भाषा-प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों, हिंदी-प्रयोक्ताओं का ‘वैश्विक समूह है। इसमें देश-विदेश के 15हजार से भी अधिक भारत-भाषा प्रेमी,समर्थक व विद्वान जुड़े हैं। वैश्विक हिंदी सम्मेलन का सोशल मीडिया समूह भारतीय – भाषाओं के प्रयोग व प्रसार का विश्व का सबसे बड़ा व सक्रिय समूह है। संस्था द्वारा समय-समय पर वैश्विक हिंदी सम्मेलन व संगोष्ठियों का आयोजन किया जाता है। भारतीय –भाषाओं के लिए देश में कार्यकरने वाले विशिष्ट भाषा-सेवियों को भारत-भाषा प्रहरी तथा विदेशों में हिंदी के प्रतिष्ठापन के लिए कार्यरत विभूतियों को हिंदी के विश्वदूत के रूप में विश्व-स्तर पर परिचय प्रस्तुत किया जाता है।‘ वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक, एवं राहुल देव, विश्व हिंदी सचिवालय के महानिदेशक विनोद कुमार मिश्र तथा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के महासचिव अतुल कोठारी आदि संस्था के सलाहकार मंडल के सदस्य हैं।
विश्व हिंदी दिवस के बारे में
ज्ञात हो कि दुनिया भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था। तब से इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 10 जनवरी 2006 से इस दिवस को भारत सरकार ने भी अपने कार्क्रमों का हिस्सा बना लिया। बता दें कि विश्व हिंदी दिवस के अलावा हर वर्ष 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' भी मनाया जाता है। हिंदी दिवस भारतीय संविधान के निर्माण के बाद से ही लगातार मनाया जाता रहा है। 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था तभी से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है।
विदेशों में भारतीय दूतावास विश्व हिंदी दिवस के मौके पर विशेष आयोजन करते हैं। नॉर्वे में पहला विश्व हिंदी दिवस भारतीय दूतावास ने मनाया था। इसके बाद दूसरा और तीसरा विश्व हिंदी दिवस भारतीय नॉर्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वाधान में लेखक सुरेशचन्द्र शुक्ल की अध्यक्षता में बहुत धूमधाम से मनाया गया था।
वर्तमान में विश्व के सैंकड़ों विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है और पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हिंदी बोलते हैं। हिंदी दुनिया भर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली पांच भाषाओं में से एक है। साल 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में पहली बार 'अच्छा', 'बड़ा दिन', 'बच्चा' और 'सूर्य नमस्कार' जैसे हिंदी शब्दों को अपनी डिक्शनरी में शामिल किया गया.
दक्षिण प्रशान्त महासागर के मेलानेशिया में फिजी नाम का एक द्वीप है। फिजी में हिंदी को आधाकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। इसे फिजियन हिंदी या फिजियन हिन्दुस्तानी भी कहते हैं। यह अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का मिलाजुला रूप है। पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, मॉरिशस और साउथ अफ्रीका समेत कई देशों में हिंदी बोली जाती है।
कार्यक्रम के विषय में अधिक जानकारी
तो आइये आप सभी हिंदी एवं भारतीय भाषाओँ के प्रेमी केसी कॉलेज, चर्चगेट, मुंबई में 11 जनवरी दोपहर 1.30 बजे और शामिल होइए विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में वैश्विक हिंदी संगोष्ठी में। संगोष्ठी का विषय आपको मालूम ही है, "हिंदी एवं भारतीय भाषाओं का समन्वय"। कार्यक्रम के विषय में अधिक जानकारी के लिए आप वैश्विक हिंदी संगोष्ठी संयोजक डॉ एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ से 8969436051 या 9821137624 पर संपर्क कर सकते हैं।