कुम्भ का शाही स्नान: भगवान बाँके बिहारी को हनुमान जी क्यों देते हैं न्योता, जाने वजह

मान्यता है कि वृंदावन में लगने वाले वैष्णव कुंभ में प्रथम शाही स्नान से पहले तीनों अनी अखाड़ो के साधु संत ,महंत ,महामंडलेश्वर अपने साथ लाए हनुमान जी को भगवान बांके बिहारी से मिलाने ले जाते हैं।

Update: 2021-02-24 08:40 GMT
कुम्भ का शाही स्नान: भगवान बाँके बिहारी को हनुमान जी क्यों देते हैं न्योता, जाने वजह

वृंदावन: कान्हा की नगरी में आज आस्था का अनोखा संगम उस समय देखने को मिला जब यमुना किनारे चल रहे वैष्णव कुंभ में आए तीनों अनि अखाड़ों की धर्म ध्वजा हनुमान के चित्रपट के साथ भगवान बांके बिहारी के दर्शन करने पहुँची । इस दौरान तीनों अनी अखाड़ों के खिलाड़ी साधु पटेबाजी करते हुए दिखाई दिए तो वही यात्रा में चल रहे साधु संत बेंड बाजो की धुन के बीच भगवान बांके बिहारी के जयकारे और हनुमान जी के जयघोषों से संपूर्ण वृंदावन के माहौल को भक्तिमय बनाये हुए थे ।

क्या है मान्यता

मान्यता है कि वृंदावन में लगने वाले वैष्णव कुंभ में प्रथम शाही स्नान से पहले तीनों अनी अखाड़ो के साधु संत ,महंत ,महामंडलेश्वर अपने साथ लाए हनुमान जी को भगवान बांके बिहारी से मिलाने ले जाते हैं और मुलाकात के बाद वापस कुंभ क्षेत्र में आते हैं । धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक यह परंपरा प्राचीन है और प्रथम शाही स्नान से पूर्व इस परंपरा को निभाया जाता है ,बताया जाता है कि भगवान बांके बिहारी ब्रज के स्थानीय देवता हैं इस कारण हनुमान जी भगवान बांके बिहारी से शाही स्नान में आने का न्योता देते हैं और कार्यक्रम को सकुशल संपन्न होने की प्रार्थना और अरदास भगवान बांके बिहारी से लगाते हैं ।

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अलग-अलग प्रांतों से आ रहे है श्रद्धालु

उधर वृंदावन में 40 दिन तक चलने वाले इस वैष्णव कुंभ में देश के अलग-अलग प्रांतों से श्रद्धालु बड़े भक्तिभाव के साथ आ रहे हैं। यहां पर चल रहे सनातन धर्म को बारीकी से देख रहे हैं और उस का आनंद उठा रहे हैं ऐसे ही राजस्थान और बंगाल से आए हुए श्रद्धालुओं ने बताया कि कुंभ का नाम सुनते ही डर लगता था । धक्का-मुक्की और हादसे कुंभ में ना आने के लिए बाध्य किया करते थे लेकिन इस वृंदावन कुंभ में आकर बहुत ही शांति व आनंद का एहसास हुआ है जो हमने पहले कभी नहीं सोचा था ।

प्रथम शाही स्नान

उधर जयपुर से आए श्रद्धालुओं ने बताया कि वह इस कुंभ के माध्यम से भगवान की लीलाओं का श्रवण करेंगे और कुछ दिन इसी कुंभ में वास कर आनंद लेंगे। इस बार के वैष्णव कुम्भ में 27 फरवरी को प्रथम शाही स्नान होना है जिनकी तैयारी भगवान बाँके बिहारी और हनुमान जी की मुलाकात के बाद तेज हो जाएगी उधर प्रशाशन ने भी शाही स्नान के लिए तैयारियों को फाइनल करना शुरू कर दिया है ।

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