गेहूँ क्रय नीति जारी एक अप्रैल से होगी खरीद, 55 लाख मी. टन गेहूँ क्रय का लक्ष्य
आदेश के अनुसार रबी विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराये जाने हेतु न्यनू तम समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति कुन्तल के आधार पर गेहूँ की खरीद किसानों से एफ.सी.आई. तथा राज्य सरकार की विभिन्न क्रय एजेन्सियों द्वारा किया जायेगा।
लखनऊः उप्र खाद्य एवं रसद विभाग ने रबी विपणन वर्ष 2020-21 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत गेंहूँ क्रय की व्यवस्था हेतु गहूं क्रय नीति जारी की है। गेहूँ की खरीद एक अप्रैल, 2020 से प्रारम्भ होगी। इस संबंध में खाद्य एवं रसद विभाग की प्रमुख सचिव, निवेदिता शुक्ला वर्मा की ओर से आवश्यक आदेश 16 मार्च 2020 को जारी किये गये हैं।
आदेश के अनुसार रबी विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराये जाने हेतु न्यनू तम समर्थन मूल्य 1925 रुपये प्रति कुन्तल के आधार पर गेहूँ की खरीद किसानों से एफ.सी.आई. तथा राज्य सरकार की विभिन्न क्रय एजेन्सियों द्वारा किया जायेगा।
प्रदेश के लिए राज्य सरकार द्वारा 55 लाख मी. टन गेंहूँ का कार्य कारी लक्ष्य रखा गया है। कृषकों को मूल्य समर्थन योजना का अधिक से अधिक लाभ दिलाने के उद्देश्य से केन्द्रों पर गेंहूँ की आवक होने पर निर्धारित कार्यकारी लक्ष्य से अधिक गेंहूँ भी क्रय किया जा सकेगा।
बुनकरों द्वारा विद्युत छूट सहित अन्य विभिन्न मामलों में दिये गये प्रस्तावों पर गम्भीरता से विचार
उत्तर प्रदेश के हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार बुनकरों की समस्याओं के निदान के लिए संवेदनशील है। राज्य में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग के विकास हेतु अनेक प्रभावी कदम उठाये गये हैं। बुनकरों की समस्याओं के निराकरण को प्रमुखता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पावरलूम बुनकरों के लिए शीघ्र ही विद्युत सब्सिडी से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जायेगा।
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श्री सिंह आज यहां खादी भवन में विधायक रफीक अंसारी और एमएलसी अशोक धवन के नेतृत्व में आये पावरलूम बुनकर एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने बुनकरों द्वारा प्रस्तुत की गई समस्याओं और कठिनाइयों को भी सुना।
बुनकरों के उत्पाद की खरीदारी को वरीयता
उन्होंने कहा कि बुनकरों द्वारा विद्युत छूट सहित अन्य विभिन्न मामलों के बारे में जो प्रस्ताव दिया गया है, उस पर सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है। उन्होंने शिष्ट मण्डल को आश्वस्त किया कि बुनकरों के हित में विद्युत बिलो में छूट प्रदान करने के प्रकरण को शीघ्र ही निस्तारित कर दिया जायेगा।
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वस्त्रोद्योग मंत्री ने कहा कि बुनकरों की जो भी कठिनाइयां है, उन्हें प्राथमिकता से हल करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही बुनकरों के उत्पादों के विपणन की भी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके अतिरिक्त शासकीय विभागों में बुनकरों के उत्पादों के क्रय को विशेष वरीयता दी जा रही है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रदेश की पहली सरकार है, जो बुनकरों के हितों के प्रति इतनी संवेदनशील है और बुनकरों की समस्याओं के निदान हेतु लगातार बैठकें आयोजित की जा रही है।