अब क्या करेंगे आजम खान साहब, अमर सिंह को वोट देंगे कि नहीं ?

Update: 2016-06-10 13:00 GMT

लखनऊ: यूपी विधान परिषद की 13 सीटों के लिए शुक्रवार को हुए चुनाव में वरिष्ठ मंत्री आजम खान काफी देर से वोट डालने आए। उनके देर से आने तक ये आशंका जताई जा रही थी वो शायद नाराजगी की वजह से वोट नहीं दें। वोट देने के बाद उन्होंने क्रॉस वोट देने वालों की आलोचना करते हुए कहा, ये करने के पहले वे पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देते। उन्होंने खुद के लिए कहा कि 'यदि वोट नहीं देता तो अल्लाह मुझे माफ नहीं करता।'

अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि शनिवार को राज्यसभा चुनाव में वो वोट देंगे या नहीं। राज्यसभा चुनाव में सपा ने उनके धुर विरोधी अमर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। दोनों की प्रतिद्वंदिता काफी पुरानी है। पूर्व में अमर सिंह के बढ़ते प्रभाव से आजम खान खासे खफा थे। हिंदी फिल्मों से जुड़े लोगों की सपा से बढ़ती नजदीकियों के कारण आजम खान ने इसे नाचने गाने वालों की पार्टी तक कह दिया था। एक के बाद एक जयाप्रदा, संजय दत्त और नफीसा अली सपा से जुड़ गए थे। जयाप्रदा ने तो दो बार आजम खान के घर रामपुर से लोकसभा का चुनाव भी जीता था।

नाराजगी का आलम यहां तक पहुंचा कि आजम खान सपा को अलविदा कह गए। वो सपा प्रमुख मुलायम सिंह के मनाने पर उस वक्त पार्टी में आए जब 2010 में अमर सिंह और जयाप्रदा को छह साल के लिए पार्टी से निकाल नहीं दिया गया। हाल के एक-दो साल में अमर सिंह की सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव से करीबी बढ़ी तो आजम खान ने भी अपने तेवर दिखाए।

इस साल मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर अमर सिंह सबसे पहले उनके पास पहुंचे थे। दोनों ने साथ मिलकर जन्मदिन का केक काटा था। अमर सिंह के जाने के बाद ही आजम खान, मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के लिए हुए समारोह में पहुंचे थे। अमर सिंह की मौजूदगी पर उनका कहना था कि जब तूफान आता है तो बहुत सा कूड़ा भी घर में चला आता है। अमर सिंह ने भी इसका सटीक जवाब देते हुए कहा था कि किसी सुनार की दुकान के आगे कूड़ा बीनने वाले को पता नहीं होता कि कचरे में सोना भी है।

अमर सिंह को राज्यसभा का टिकट दिए जाने से भी आजम खान खासे नाराज थे। उन्होंने अपनी नाराजगी का इजहार ये कह कर किया था कि मुलायम पार्टी के मालिक हैं वो जो चाहें कर सकते हैं। लेकिन पार्टी में शामिल होने के सवाल पर उनकी टिप्पणी थी कि ये सपा के लिए सबसे बुरा दिन होगा।

अब सबसे बड़ा सवाल है कि शनिवार को राज्यसभा के चुनाव में वो अमर सिंह को वोट देंगे या नहीं। अमर सिंह को वोट देने में वो अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनेंगे या पार्टी आलाकमान का हुक्म मानेंगे। इस लिहाज से राज्यसभा का चुनाव सपा के अंदर ही काफी रोचक हो गया है।

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