Sonbhadra News: शीतलहर ने बढ़ाई बिजली की मांग, उत्पादन गड़बड़ाया, लेनी पड़ी महंगी
Sonbhadra News: जिले में पांच डिग्री तक लुढ़का पारा लोगों की कंपकपी छुड़ाए रहा। वहीं, ठंडी से राहत के लिए बढ़ी बिजली की खपत के चलते एक बार फिर से प्रदेश की बिजली की मांग बढ़ गई।
Sonbhadra News: जिले में जहां सोमवार को पांच डिग्री तक लुढ़का पारा लोगों की कंपकपी छुड़ा रहा। वहीं, ठंडी से राहत के लिए बढ़ी बिजली की खपत के चलते एक बार फिर से प्रदेश की बिजली की मांग 21000 मेगावाट के पार पहुंच गई। अनपरा परियोजना की तीन इकाइयों की बंदी के चलते जहां राज्य सेक्टर का 900 मेगावाट बिजली उत्पादन लड़खड़ा गया है। वहीं निजी बिजली घरों और केंद्रीय पुल से सामान्य दिनों के मुकाबले अधिक बिजली लेकर हालात संभाले जा रहे हैं।
बताते चलें कि राज्य सेक्टर के बिजली घरों की पूरी क्षमता 6000 मेगावाट के आसपास है। उसमें आधी से अधिक हिस्सेदारी सोनभद्र की है। मौजूदा स्थिति यह है कि अनपरा की 500 मेगावाट वाली एक और 210 मेगावाट वाली एक इकाई मार्च तक के लिए अनुरक्षण पर ले ली गई है। 210 मेगावाट वाली एक इकाई तकनीकी कारणों से ट्रिप कर गई है।
नए साल के पहले दिन से ही बिजली की मांग में इजाफा
इसके चलते अनपरा से राज्य सरकार को मिलने वाली सबसे सस्ती बिजली की उपलब्धता में लगभग 900 मेगावाट की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं दूसरी तरफ, यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक शीतलहर के चलते नए साल के पहले दिन से ही बिजली की मांग में लगातार इजाफा बना हुआ है। रविवार की रात पीक आवर में बिजली की मांग सप्ताह में चौथी बार 21000 को पार कर 21096 मेगावाट तक पहुंच गई।
इसको देखते हुए आपात कटौती का सहारा तो लिया ही गया, निजी बिजली घरों में उत्पादन बढ़वाकर और केंद्रीय पुल से बिजली लेकर हालात संभाले गए। उधर, अनपरा परियोजना प्रबंधन का कहना है कि ट्रिप हुई इकाई को उत्पादन पर लेने का प्रयास जारी है। एक-दो दिन में इकाई लोड पर ले ली जाएगी।
पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल ज्यादा खरीदी गई बिजली, निजी बिजली घरों ने पूरी की अधिकतम जरूरत
यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़े बताते हैं कि पिछले वर्ष जनवरी माह में 6 जनवरी तक निजी घरों से 111 मिलियन यूनिट बिजली ली गई थी। वहीं इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 122 मिली नहीं पहुंच गया। लैंको से इस बार कम बिजली मिली है। जबकि यहां उत्पादित पूरी बिजली बेहद सस्ती दर पर राज्य सरकार को देने के अनुबंध हैं। 17 आयातित बिजली का आंकड़ा पिछले वर्ष के 115 मिलियन यूनिट के मुकाबले इस बार 156 मिलियन यूनिट पहुंच गया है।