Agra News :मणिपुर हिंसा के विरोध में महिलाओं का प्रदर्शन, सड़क पर लगाया जाम, जमकर की नारेबाजी

Agra News : प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने मणिपुर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को जल्दी से जल्दी फांसी की सजा दिए जाने की मांग की।

Update:2023-07-22 16:58 IST

Agra News : आगरा। मणिपुर में हुई हिंसा के विरोध में महिलाओं ने आगरा में जोरदार प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान महिलाओं में जबरदस्त आक्रोश नजर आया। गुस्से में आकर महिलाएं सड़क पर ही लेट गईं। नारेबाजी करने, महिलाओं के सड़क पर उतरते ही शाहगंज थाना क्षेत्र के खेरिया मोड़ धनौली मार्ग पर जाम लग गया। सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। महिलाओं ने प्रदर्शन के दौरान हाथ में तख्ती ले रखी थी। तख्ती पर दोषियों को सख्त सजा दिए जाने की मांग लिखी गई थी। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने मणिपुर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को जल्दी से जल्दी फांसी की सजा दिए जाने की मांग की। समाजसेवी सावित्री चाहर का कहना है कि जिस तरह से मणिपुर में गैंगरेप की जघन्य वारदात को अंजाम दिया गया है। वो बेहद निंदनीय है। आज मणिपुर गैंगरेप की घटना का विरोध किया जा रहा है।

जब तक आरोपियों को सख्त सजा नहीं मिलेगी उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने अधिकारियों को घटना के संबंध में ज्ञापन भी सौंपा है। अपराधियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की है। सावित्री चाहर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था, लेकिन मणिपुर में बेटियों के साथ जो जघन्य घटना हुई है वह प्रधानमंत्री के दावों पर सवाल उठा रही है। सावित्री चाहर ने कहा कि गैंगरेप की घटना 4 मई की है। मणिपुर में भाजपा की सरकार है।

इसके बाद भी मामले को दबाया जा रहा है। दोषियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई नहीं की जा रही है। प्रदर्शन के दौरान शाहगंज थाना पुलिस भी मौके पर मौजूद रही। प्रदर्शन के शुरुआत में पुलिस ने महिलाओं को मनाने का काफी प्रयास भी किया लेकिन महिलाओं ने पुलिस की एक भी ना सुनी। सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिकारियों के आश्वासन पर फिलहाल महिलाओं ने प्रदर्शन खत्म कर दिया है, लेकिन इस बात का ऐलान किया है कि अगर दोषियों को जल्दी फांसी नहीं दी गई तो वह उग्र प्रदर्शन करने को बाध्य होंगी।

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