लखनऊ: एक स्थानीय कोर्ट ने करीब 23 करोड़ की मनी लांड्रिंग के एक मामले में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह को 24 घंटे के लिए ईडी की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है। अभियुक्त यादव सिंह की कस्टडी रिमांड की यह अवधि 10 नवंबर की सुबह 10 बजे से प्रारम्भ होगी।
यह आदेश जिला जज आर के उपाध्याय ने ईडी की कस्टडी रिमांड वाली अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है।
ईडी के विशेष वकील केपी सिंह ने इस अर्जी पर बहस करते हुए यादव सिंह को चार दिन के लिए कस्टडी रिमांड में देने की मांग की थी। उनका कहना था कि 30 जुलाई, 2015 को सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपति का एक मामला दर्ज किया था।
29 सितंबर, 2015 को इस मामले में सीबीआई ने यादव सिंह के खिलाफ गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। जिसमें अप्रैल 2004 से अगस्त, 2015 के मध्य यादव सिंह पर अपनी आय से 23 करोड़ 15 लाख 41 हजार 514 रुपए अधिक अर्जित करने का आरोप है।
उनका कहना था कि आठ अक्टूबर 2015 को इसी मामले में ईडी ने भी लखनऊ में यादव सिंह के खिलाफ मनी लांड्रिग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर अपनी जांच शुरु की।
बीते दो अक्टूबर को मनी लांड्रिग के इस मामले में यादव सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। कहा गया कि अभियुक्त यादव सिंह ने यह रकम कहां से हासिल की, इसका कहां इस्तेमाल किया व किसे दिया है आदि तथ्यों का पता लगाना है।
बुधवार को इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान यादव सिंह लखनऊ जेल से अदालत में मौजूद था। सुनवाई के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था।