बदला जाएगा यमुना एक्सप्रेस-वे का नाम, अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से मिलेगी पहचान

Yamuna Expressway Renamed: यूपी की योगी सरकार अब यमुना एक्सप्रेस वे का नाम बदलने पर विचार कर रही है।

Newstrack :  Network
Published By :  Shreya
Update: 2021-11-23 04:01 GMT

यमुना एक्सप्रेस-वे (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Yamuna Expressway Renamed: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कई शहरों के नाम बदलने के बाद अब सूबे की योगी सरकार (Yogi Government) यमुना एक्सप्रेस वे (Yamuna Expressway) का नाम बदलने पर विचार कर रही है। यूपी सरकार (UP Government) इस एक्सप्रस वे का नाम भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के नाम पर रख सकती है और इसे लेकर जल्द ही एलान भी किया जा सकता है। माना जा रहा है कि जेवर एयरपोर्ट (Noida International Airport) के भूमि पूजन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) एक्सप्रेस वे का नाम बदलने का एलान कर सकते हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता (BJP Neta) ने इस खबर की पुष्टी भी की है। 

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) देश के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) का शिलान्यास करने गौतमबुद्ध नगर के जेवर (Jewar) में 25 नवंबर को आने वाले हैं। यहां पर पीएम एयरपोर्ट का भूमि पूजन करेंगे और बड़ी रैली को भी संबोधित करेंगे। इसी दौरान प्रधानमंत्री यमुना एक्सप्रेस वे के नए नाम (Yamuna Expressway Ka Naya Naam) की घोषणा भी कर सकते हैं। वहीं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री के जेवर आने से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) मंगलवार शाम जेवर पहुंचकर शिलान्यास की तैयारियों का जायजा लेंगे।  

अटल बिहारी वाजपेयी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)  

किसलिए बदला जा रहा है नाम?

भले ही अब तक नाम बदलने की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन कुछ नेताओं की ओर से इसकी पुष्टि की गई है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अटल बिहार वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) को उचित सम्मान देने के लिए यह फैसला किया जा रहा है। उन्हें सभी पार्टी का प्यार मिला और सभी ने पसंद किया। ऐसे में आने वाली पीढ़ियों को भी उनकी महानता के बारे में पता होना चाहिए।

चुनाव भी है एक वजह

इसके अलावा यमुना एक्सप्रेस वे का नाम बदलने (Yamuna Expressway Ka Naam Badla) के पीछे एक और वजह मानी जा रही है और वह आगामी विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunaav) है। माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले चुनाव के मद्देनजर सरकार ब्राह्मण वोट (Brahmin Vote) को लुभाने के लिए यह बड़ा दांव चल रही है। ब्राह्मणों को खुश करने के लिए यह फैसला किया गया है। ताकि मतदाता को अपने पक्ष में किया जा सके।

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