किसानों का दिल जीतने में लगी योगी सरकार, माया सरकार में दर्ज मुकदमे होंगे वापस
यमुना एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे गौतम बुद्ध नगर जिले के भट्टा पारसौल निवासी किसानों की पुलिस से हिंसक झड़प हुई थी।
लखनऊ: मायावती की सरकार के दौरान नोएडा के भट्टा पारसौल में किसानों के ऊपर दर्ज हुए मुकदमों को योगी सरकार वापस लेने जा रही है। दो मुकदमों को वापस लेने के योगी सरकार के प्रस्ताव को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपनी हरी झंडी भी दे दी है।
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किसानों के खिलाफ दर्ज दो मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है
यमुना एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे गौतम बुद्ध नगर जिले के भट्टा पारसौल निवासी किसानों की पुलिस से हिंसक झड़प हुई थी। सात मई 2011 को पुलिस और किसानों के बीच हिंसक झड़प के दौरान हुई फायरिंग में दो किसान और दो पुलिसवाले मारे गए। अब योगी सरकार ने गौतम बुद्ध नगर के भट्टा पारसौल आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज दो मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है। दोनों मुकदमे सात मई 2011 के हिंसक संघर्ष के बाद दर्ज किए गए थे। तब यमुना एक्सप्रेसवे के लिए चल रहे भूमि अधिग्रहण को खिलाफ किसानों और जिला प्रशासन के बीच बड़ा तनाव पैदा हो गया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी किसानों के पक्ष में आकर आंदोलन किया था।
जेवर से भाजपा के विधायक धीरेंद्र सिंह ने सरकार से मुकदमे वापस लेने की मांग की है
बताया जा रहा है कि जेवर से भाजपा के विधायक धीरेंद्र सिंह ने सरकार से मुकदमे वापस लेने की मांग की है। इसके बाद यूपी सरकार ने राज्यपाल से मुकदमा वापस लिए जाने की सिफारिश की थी। वापस लिए गए मुकदमे गौतमबुद्धनगर की दनकौर कोतवाली में दर्ज हुए थे। इनमें तीन दर्जन से अधिक किसानों को पुलिस की ओर से आरोपी बनाया गया था। नोएडा से मिल रही जानकारी के अनुसार भट्टा पारसौल आंदोलन के बाद किसानों के खिलाफ लूट, अपहरण, बलवा, डकैती, आगजनी , अवैध हथियारों का प्रयोग , सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, सरकारी कर्मचारियों पर हमला करने, हत्या का प्रयास और हत्या जैसे आरोपों में 20 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें से 13 मुकदमे तत्कालीन सरकार ने वापस ले लिए थे। योगी सरकार के दो मुकदमों को वापस लेने के बाद भी अभी पांच मुकदमे अदालतों में लंबित हैं।
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ये मुकदमे हुए वापस
दनकौर कोतवाली- मुकदमा अपराध संख्या 96/2011, आईपीसी की धारा 147, 394, 308, 364, 325 और 323। आरोप-पीएसी की कंपनी पर हमला और उनके हथियारों की लूट। यह मुकदमा किसान नेता मनवीर तेवतिया सहित 30 अन्य किसानों के खिलाफ दर्ज किया गया था। दूसरा मुकदमा अपराध संख्या 251/2011। 25 आर्म्स एक्ट के तहत दर्ज हो रखा है। यह मुकदमा प्रेमवीर सहित अन्य किसानों के खिलाफ दर्ज था।
रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी
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