UP Advocate Protection Act: वकीलों की जिद के आगे झुकी यूपी सरकार, एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित

UP Advocate Protection Act:सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने इस दिशा में गंभीर पहल करने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद मंगलवार तीन सदस्यीय कमेटी के गठने का ऐलान किया गया।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-09-20 13:17 IST

UP Advocate Protection Act  (photo: social media )

UP Advocate Protection Act: वकीलों पर हापुड़ में हुए पुलिसिया लाठीचार्ज का मामला गरमाया हुआ है। 30 अगस्त से प्रदेशभर के वकील हड़ताल पर चल रहे हैं। उन्होंने न्यायिक कामकाज से दूरी बना रखी है। वे अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को योगी सरकार ने उनकी एक बड़ी मांग को पूरा करने की दिशा में कदम उठाया है। मंगलवार को राज्य सरकार ने एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के लिए 3 सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है।

दरअसल, प्रदेश में आंदोलन कर रहे अधिवक्ताओं ने जो मांगें शासन के सामने रखी हैं, उनमें एक एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल भी था। जानकारी के मुताबिक, 14 सितंबर को यूपी बार काउंसिल और मुख्य सचिव के बीच वार्ता हुई थी। जिसमें इस बिल को लागू करने की मांग की गई थी। सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने इस दिशा में गंभीर पहल करने का आश्वासन दिया था। जिसके बाद मंगलवार तीन सदस्यीय कमेटी के गठने का ऐलान किया गया।

तीन सदस्यीय कमेटी में कौन-कौन

राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट का मसौदा तैयार करने के लिए तीन सदस्यों की एक कमिटी का गठन किया जा रहा है। विधि विभाग के प्रमुख सचिव को इस समिति का अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसके अलावा अपर महानिदेशक (अभियोजन) इसके सदस्य बनाए जाएंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के एक प्रतिनिधि को भी सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा। सरकार की ओर से बार काउंसिल से एक सदस्य का नाम भेजने का आग्रह किया गया है।

अभी भी हड़ताल पर हैं वकील

14 सितंबर को मुख्य सचिव से वार्ता के बाद यूपी बार काउंसिल ने हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया था। मगर इसके बावजूद कई जिलों के अधिवक्ता अभी भी स्ट्राइक पर हैं। लखनऊ बार एसोसिएशन अपनी हड़ताल जारी रखे हुए है। वहीं, गायिजाबाद के वकील भी हड़ताल में फिर से शामिल हो गए हैं। लखनऊ बार एसोसिएशन ने मंगलवार को हुई बैठक में 21 सितंबर तक न्यायिक कामकाज से दूर रहन का निर्णय लिया है। एसोसिएशन ने हापुड़ लाठीचार्ज मामले में आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ अब तक कोई कठोर कार्रवाई न होने को लेकर आक्रोश जाहिर किया है।

बता दें कि 29 अगस्त को हापुड़ में एक वकील और पुलिसकर्मी के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। जिसके बाद वकील के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर लिया था। जिसके विरोध में अन्य वकील सड़कों पर उतर आए और इसी दौरान पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज कर दिया था। इस घटना के अगले दिन से यानी 30 अगस्त से प्रदेश में वकीलों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया।

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