योगी सरकार का फार्मूला: यूपी से भागी ये महामारी, कराएगी सीरोलॉजिकल सर्वे

यूपी में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे ग्राफ को देखते हुए अब योगी सरकार ने राज्य में सीरोलॉजिकल सर्वे शुरू करने की तैयारी में है।

Update: 2020-07-31 09:46 GMT

लखनऊ: यूपी में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे ग्राफ को देखते हुए अब योगी सरकार ने राज्य में सीरोलॉजिकल सर्वे शुरू करने की तैयारी में है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यूपी का स्वास्थ्य विभाग सीरोलाजिकल सर्वे के लिए एक लाख विशेष टेस्टिंग किट भी खरीद रहा है। इस सर्वे की शुरूआत ऐसे जिलों से होगी जहां संक्रमण कम है।

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कई राज्यों में चल रहा है सीरोलॉजिकल सर्वे

सीरोलॉजिकल सर्वे की मदद से यह पता लगाया जाता है कि क्षेत्र में कोरोना वायरस का संक्रमण कितना फैला है, कितनी बड़ी आबादी इस वायरस की जद में आई है और कितनी आबादी में लोगों के अंदर इस वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है या फिर उनके शरीर में एंटीबॉडी बन चुकी है। अभी पिछले दिनों आईसीएमआर ने भी देश के 24 हजार लोगों पर सीरो सर्वे कराया था। इसके अलावा दिल्ली व महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में भी सीरोलॉजिकल सर्वे कराया जा रहा है।

कैसे होता है सीरोलॉजिकल सर्वे

कोरोना संक्रमण के फैलाव का पता लगाने के लिए यूपी के सभी जिलों में सीरोलॉजिकल सर्वे शुरू होने जा रहा है। इसके लिए जिलों में डीएम को जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में टीमें तैयार करनी होगी। यह टीमें जिलें कुछ चिन्हित इलाकों में जाकर लोगों के सैंपल कलेक्ट करेंगी। इन सैंपलों की जांच के नतीजों के आधार पर यह पता चलेगा कि कोरोना के खिलाफ लोगों में किस तरह एंटीबॉडी विकसित हो रही है और एंटीबॉडी विकसित होने की दर क्या है। सभी सैंपल्स की जांच के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंपी जाएगी।

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सीरोलॉजिकल सर्वे में लोगों के ब्लड सैंपल की जांच करके महज आधे घंटे में यह पता लगाया जा सकेगा कि जिस व्यक्ति का सैंपल लिया गया है, उसके अंदर वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है या नहीं। सैंपल की जांच के लिए एक विशेष किट का इस्तेमाल किया जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है, लेकिन उनमें लक्षण नहीं दिखते, तो ऐसे लोगों में 5-7 दिन के अंदर अपने आप एंटीबॉडी बनना शुरू हो जाती हैं, जो वायरस को शरीर में पनपने नहीं देती हैं। सीरोलॉजिकल सर्वे से वायरस के प्रसार और उसकी क्षमता का पता लगाने में मदद मिलेगी साथ ही यह भी पता चलेगा कि यूपी कौन-कौन जिलों या इलाकों के लोगों में एंटीबाडी विकसित हुई है और ऐसे कितने लोग है जो कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने के बाद अपने आप ही ठीक हो गए।

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