योगी सरकार ने पीछे खींचे कदम: अब नहीं बनेगा डिटेंशन सेंटर, विरोध के बाद फैसला
उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) ने गाजियाबाद में खुलने जा रहे डिटेंशन सेंटर (Detention Center) पर अपने कदम पीछे खींच लिए हैं।
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) ने गाजियाबाद में खुलने जा रहे डिटेंशन सेंटर (Detention Center) पर अपने कदम पीछे खींच लिए हैं। सरकार ने अब इस फैसले को वापस ले लिया है। दरअसल, यूपी सरकार के इस फैसले का बहुजन समाज पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने विरोध किया था। फैसले का विरोध किए जाने के बाद से योगी सरकार ने यह फैसला वापस ले लिया है।
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बीते दिनों ही सरकार ने दी थी अनुमति
बता दें कि बीते दिनों ही सरकार की ओर से गाजियाबाद में डिटेंशन सेंटर खोले जाने की अनुमति दी थी, जिसके निर्माण प्रदेश सरकार के समाज कल्याण द्वारा किया जाना था। फैसले के मुताबिक, डिटेंशन सेंटर का निर्माण ऐसे लोगो के लिए किया जाना था, जो विदेशी हैं, जेलों में सजा काट चुके हैं और जिन्हें उनके देश भेजे जाने में समय लग रहा है। मोदी सरकार के आदेश के बाद यूपी सरकार ने इसे बनाने का फैसला किया था।
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BSP प्रमुख मायावती ने किया था इसका विरोध
योगी सरकार के इस फैसले के बाद बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने इसका विरोध किया था। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि गाजियाबाद में BSP सरकार द्वारा निर्मित बहुमंजिला डॉ. अम्बेडकर एससी/एसटी छात्र हास्टल को 'अवैध विदेशियों' के लिए यूपी के पहले डिटेन्शन सेन्टर के रूप में कनवर्ट करना अति-दुःखद व अति-निन्दनीय। यह सरकार की दलित-विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण। सरकार इसे वापस ले बीएसपी की यह मांग।
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हॉस्टल को किया जा रहा था डिटेंशन सेंटर में तब्दील
इस डिटेंशन सेंटर को लेकर कहा जा रहा था कि गाजियाबाद के नंदग्राम में दलित छात्रों के लिए बनाये गए दो अंबेडकर हास्टलों में से एक हॉस्टल को डिटेंशन सेंटर में तब्दील किया गया है। बता दें कि मायावती शासनकाल में वर्ष 2011 में दलित छात्रों के लिए नंदग्राम में दो अंबेडकर हास्टल बनवाये गए थे। इन हास्टलों में 400 से ज्यादा छात्रों के रहने की व्यवस्था की गई थी।
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आखिर क्या है डिटेंशन सेंटर?
डिटेंशन सेंटर में किसी देश में अवैध तरीके से दाखिल होने वाले लोगों को रखा जाता है। अगर कोई व्यक्ति किसी देश में बिना किसी वैध दस्तावेज के प्रवेश करता है और वहां की पुलिस उसे पकड़ लेती है तो उसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है। चूंकि अवैध घुसपैठियों को जेल में नहीं रखा जा सकता।
इसलिए उनके लिए डिटेंशन सेंटर बनाए जाते हैं और उन्हें वहीं रखने की व्यवस्था की जाती है। वहां ऐसे लोगों को नजरबंद करके उनके देश से बातचीत की जाती है और उनकी सुरक्षित वापसी की व्यवस्था होती है। दुनिया के कई देशों ने अपने यहां घुसपैठियों को रोकने के लिए डिटेंशन सेंटर बना रखा है।
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