योगी सरकार महिला कैदियों के बच्चों के लिए बनवाएगी पार्क, मुरादाबाद में हुआ पहला निर्माण

उत्तर प्रदेश के कारागार एवं होमगार्ड्स राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि मुरादाबाद जेल उत्तर प्रदेश की प्रथम ऐसी जेल है जहां पर बंद महिला कैदियों के बच्चों के खेलने कूदने के लिए पार्क बनाया गया है।

Update: 2022-06-25 14:49 GMT

District jail Moradabad (Image: Social Media)

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की जेलों में सुधार की दिशा में जुटी प्रदेश की योगी सरकार इन दिनों कई नए काम कर रही है। इसी दिशा में अब महिला कैदियों के बच्चों के लिए पार्को का निर्माण कराया जाएगा। इसकी शुरूआत मुरादाबाद में हो चुकी है। अब इसे प्रदेश की अन्य जेलों में बनाने का काम किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के कारागार एवं होमगार्ड्स राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि मुरादाबाद जेल उत्तर प्रदेश की प्रथम ऐसी जेल है जहां पर बंद महिला कैदियों के बच्चों के खेलने कूदने के लिए पार्क बनाया  गया है।

प्रजापति ने बताया कि शासन की मंशा है कि महिला कैदियों के साथ जो बच्चे रह रहे हैं उनके शारीरिक व मानसिक विकास के लिए प्रदेश की 75 जिलों की जेलों में पार्कों की स्थापना करायी जाए। इस दिशा में मुरादाबाद जेल में पार्क का उद्घाटन करके इसकी औपचरिक शुरुआत की गई है। उन्होंने बताया कि बंद महिला कैदियों के साथ जो बच्चे रह रहे हैं वे निर्दोष हैं, फिर उन्हें कैदियों की भाँति क्यों रखा जाए। धर्मवीर प्रजापति का मानना है कि बचपन सभी के लिए खेलने कूदने का होता है, ऐसे में किसी भी बच्चे को खेलने कूदने के अवसर से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।

प्रजापति ने कहा कि इस प्रकार के पार्क का उद्देश्य है कि अपनी मां के साथ बंद बच्चे जब बाहर आए तो समाज के साथ घुल-मिल सकें और अपना भविष्य उज्जवल कर सकें। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जेलों में करीब 450 बच्चे अपनी मां के साथ जेलों में बंद हैं जिनका  कोई दोष नहीं है,और वह अपनी मां की वजह से जेलों में रहने को बाध्य हैं। इससे पहले प्रदेश सरकार महिलाओं के साथ जेल में रह रहे बच्चों के लिए कह चुकी है कि माँ के साथ रहने वाले बच्चों की पढ़ाई-लिखाई बेहतर ढंग से हो तथा उन्हें यह महसूस न हो कि वे जेल में रह रहे हैं।

इसके अलावा जल्द ही बंदियों के उत्पादक को इस्टाल लगाकर उन्हें आमजनमानस तक पहुचाया जायेगा। बंदियों के हुनर को बाहर लोगों तक पहुंचाने का कार्य किया जाने तथा बंदियों को रोजगार दिलाने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।

वहीं दूसरी तरफ प्रजापति कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें विभिन्न  ट्रेडों में प्रशिक्षित किए जाने की भी योजना है।  साथ ही बंदियो द्वारा बनाये गये उत्पादों को प्रदर्शनी लगाकर जनता को बिक्री के लिए  उपलब्ध कराने के लिए एमएसएमई विभाग में वार्ता की जा चुकी है। 

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