योगी सरकार बंद करने जा रही ये 44 साल पुरानी स्कीम, जानिए इसके बारे में

प्रदेश की योगी सरकार एक और बड़ा फैसला करने जा रही है। लव जेहाद बिल लाने के बाद अब राज्य सरकार 44 साल पुराने उस कानून को खत्म करने का फैसला लिया है जिसका समय के साथ महत्व अब खत्म हो गया है।

Update: 2020-12-02 15:10 GMT
खत्म होगी अब 44 साल पुरानी अंतर-धार्मिक विवाह पर सरकारी प्रोत्साहन स्कीम

लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार एक और बड़ा फैसला करने जा रही है। लव जेहाद बिल लाने के बाद अब राज्य सरकार 44 साल पुराने उस कानून को खत्म करने का फैसला लिया है जिसका समय के साथ महत्व अब खत्म हो गया है। यह कानून 1976 में उस समय बनाया गया था जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी। लेकिन इतने वर्षो तक कोई भी राज्य सरकार इसे खत्म करने का साहस नहीं जुटा पाई।

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अंतर-धार्मिक विवाह पर सरकारी प्रोत्साहन होगी बंद

लेकिन प्रदेश की योगी सरकार अब अतंरजातीय अंतरधर्मिक विवाह प्रोत्साहन नियमावली समाप्त करने का फैसला किया है। इस नियम के तहत अतंर-जातीय और अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को सरकार की ओर से 50 हजार रुपए नगद दिए जाते थे, लेकिन अब यूपी सरकार इस स्कीम को बंद करने जा रही है।

गौरतलब है कि इस स्कीम राष्ट्रीय एकता विभाग ने चालू किया था, इस योजना का लाभ उठाने के लिए अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़े को जिलाधीश के पास शादी के दो साल के अंदर आवेदन देना पड़ता था। इस आवेदन की जांच के जिला प्रशासन इसे यूपी नेशनल इंटीग्रेशन डिपार्टमेंट के पास भेज देता था। जहां से आगे का प्रोसेस होता था।

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इस मामले में यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा है कि कुछ शादियां लोगों को धर्मांतरित करने का जरिया बन गई हैं। राज्य सरकार ने जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए और अपनी पहचान छिपाकर अपने साथी को धोखा देने वालों को दंडित करने के लिए ये अध्यादेश लाया है। उधर दूसरी तरफ यूपी के मुख्य चीफ सेकेट्री राजेद्र तिवारी के हवाले से कहा गया है कि नया अध्यादेश अंतर-धार्मिक विवाद को हतोत्साहित नहीं करता है, इसका उद्देश्य उन लोगों को दंडित करना है जो अपने पार्टनर को धोखा देते हैं और उन्हें धर्म परिवर्तन को मजबूर कर सकते हैं।

श्रीधर अग्निहोत्री

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