Uttar Pradesh: यूपी में दागी और अक्षम अधिकारी-कर्मचारियों की लिस्ट हो रही तैयार, जल्द गिरेगी गाज
Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऐसे तमाम अफसरों और कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की जा रही है जो 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं और उन पर दाग है। सीएम योगी ने ऐसे अक्षम सरकारी मुलाजिमों की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए हैं।
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार कठोर कदम उठा रही है। अब सरकार की चाबुक दागी और लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर चलने जा रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ऐसे तमाम अफसरों और कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की जा रही है जो 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके हैं और उन पर दाग है। सीएम योगी ने ऐसे अक्षम सरकारी मुलाजिमों की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए हैं। 31 जुलाई तक इन अधिकारियों-कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कर लिस्ट तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद इन्हें जबरन रिटायर कर दिया जाएगा। प्रदेश में अब तक 400 से अधिक को रिटायर किया जा चुका है। सीएम योगी ने पहले कार्यकाल में भी तमाम लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों को सेवा से जबरन रिटायर किया था।
भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों पर एक्शन
बता दें योगीराज-2 में अब ऐसे तमाम करप्ट और लापरवाह अधिकारियों, कर्मचारियों पर एक्शन होने जा रहा है जो कार्य में लापरवाही के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। सरकार ने इनकी स्क्रीनिंग के लिए बकायदा विजिलेंस और सीबीसीआईडी के साथ स्क्रीनिंग कमेटी को जिम्मेदारी सौंपी है। साथ एसआईटी को भी जांच के लिए लगाया गया है। सूत्रों के मुताबिक 31 जुलाई तक होनी वाली स्क्रीनिंग में ऐसे तमाम अधिकारी और कर्मचारी हैं जो रडार पर हैं। क्योंकि मुद्दा सिर्फ करप्शन का नहीं बल्कि उनकी लापरवाही से सरकार की इमेज पर लग रहे दाग का भी है। लिहाजा इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसी भी सूरत में इसे बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।
कुर्सी संभालते ही दिखा एक्शन
सीएम योगी (CM Yogi) जैसे ही दूसरी पारी की शुरुआत की थी उनका एक्शन सबको दिखाई दे गया था। सबसे पहले आईएएस-आईपीएस पर गाज गिरी। लापरवाही के आरोप में सोनभद्र के डीएम टीके शिबू और भ्रष्टाचार के आरोप में औरैया के डीएम सुनील कुमार वर्मा को सस्पेंड किया। गाजियाबाद में लगातार अपराध की घटनाओं के सामने आने और शिकायतों के आधार पर गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को सस्पेंड किया था। इसके बाद बोर्ड पेपर लीक मामले में बलिया के डीआईओएस को निलंबित कर जेल भेजा था।