पुलिस वालों पर योगी की नजर, बदमाशों- ख़ाकीधारियों की रिपोर्ट पहुंचाएंगे ये अधिकारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के बड़े जिलों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है। बता दें कि नोडल अधिकारियों का काम जिलों में थानेदारों की तैनाती, गैंगस्टरों पर की गई कार्रवाई पर निगरानी करना और इसकी रिपोर्ट सीएम कार्यालय में देना है।

Update: 2020-07-16 15:56 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कानपुर एनकाउंटर से योगी सरकार ने बड़ा सबक लेते हुए दोबारा ऐसे हालात न बने, इसके लिए बड़ा फैसला लिया है। योगी सरकार ने यूपी पुलिस की निगरानी करने और राज्य के सभी जिलों के गैंगेस्टर पर कार्रवाई करने के लिए नोडल अफसरों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। ये नोडल अधिकारी एडीजी, आईजी और डीआईजी स्तर के हैं। इनका काम होगा कि जिलावार बदमाशों के खिलाफ दर्ज मुकदमों पर नजर रखें और पुलिस की कार्रवाई की भी निगरानी करें।

यूपी की कानून व्यवस्था के लिए नोडल अफसरों की नियुक्ति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के बड़े जिलों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है। बता दें कि नोडल अधिकारियों का काम जिलों में थानेदारों की तैनाती, गैंगस्टरों पर की गई कार्रवाई पर निगरानी करना और इसकी रिपोर्ट सीएम कार्यालय में देना है। उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था में ये नोडल अधिकारी अहम भूमिका निभाएंगे।

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ये हैं बदमाशों और पुलिस की निगरानी में तैनात जिलावार नोडल अधिकारी

लखनऊ का नोडल अधिकारी पुलिस महानिदेशक (इंटेलिजेंस) डीएस चौहान को बनाया गया है।

आईपीएस बीपी जोगदंड को कानपुर का नोडल अधिकारी बनाया गया है।

बरेली में अभय प्रसाद नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

मेरठ में संदीप सालुंके की तैनाती हुई है।

आगरा में आनन्द कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

प्रयागराज के लिए पीवी रामाशास्त्री

गोरखपुर में डीके ठाकुर

वाराणसी में तेज तर्रार आईपीसी अधिकारी दीपेश जुनेजा को नोडल अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया है।

नोएडा के लिये एडीजी (GRP) संजय सिंघल नियुक्त किए गए हैं।

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2 दिनों में नोडल जिलों की समीक्षा के बाद देनी है रिपोर्ट

इसके अलावा भी अन्य जिलों में एडीजी, आईजी और डीआईजी स्तर के वरिष्ठ आईपीएस को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इनमे कई नोडल अधिकारी अपने ही ज़ोन और रेंज के जिलों में नियुक्त किए गए हैं। इन अधिकारीयों को आदेश दिया गया है कि अपने अपने नोडल जिलों की समीक्षा कर दो दिनों में रिपोर्ट सौंपे।

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