CAA को लेकर मोदी शाह के बाद योगी भी मैदान में
नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) को लेकर देश भर में उठे तूफान के बाद केन्द्र सरकार ने यूपी के यूपी योगी को एक बार फिर आगे कर उन्हें इस बात की जिम्मेदारी सौपी है कि वह लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के बारे में बताने का काम करे।
लखनऊ: नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) को लेकर देश भर में उठे तूफान के बाद केन्द्र सरकार ने यूपी के यूपी योगी को एक बार फिर आगे कर उन्हें इस बात की जिम्मेदारी सौपी है कि वह लोगों को नागरिकता संशोधन कानून के बारे में बताने का काम करे। खास बात यह है कि सीएम योगी केवल यूपी में ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी जाकर इस विधेयक की सच्चाई से लोगों को रूबरू कराने का काम करेंगे।
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उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने इस विधेयक के विरोध के बाद कई राज्यों में हुई हिंसा को देखते हुए एक जनजागरण कार्यक्रम की शुरूआत की है। जिसमें कई नेताओं को लगाया गया है। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अलावा पीएम मोदी भी इसे लेकर लोगों के भ्रम को दूर करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। इसके साथ ही केन्द्र और यूपी सरकार के कई मंत्री भी कई अपने राज्य के कई जिलों में दौरे कर चुके हैं। भाजपा संगठन के कई पदाधिकारी भी इसे लेकर छोटी-छोटी सभाएं और पदयात्राएं कर रहे है।
लेकिन भाजपा के लिए पीएम मोदी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बाद तीसरे सबसे बडे़ नेता बन चुके यूपी के सीएम योगी पर एक बार फिर पार्टी ने विश्वास जताते हुए उन्हें यह बड़ी जिम्मेदारी सौपी है। सीएम योगी नागरिकता संशोधन विधेयक पर देशभर में सभाएं करने जा रहे हैं। आज वह मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहेंगे तो 14 जनवरी को मकर सक्रांति के दिन बिहार के गया में लोगों को CAA के बारे में समझाएंगे। इसके बाद 18 जनवरी को वह काशी, 19 को गोरखपुर, 20 को लखनऊ, 21 को कानपुर, 22 को मेरठ और 23 को आगरा के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
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भाजपा नेता इन दिनों जनजागरूकता अभियान के तहत बता रहे हैं कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट कानून-पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में धार्मिक भेदभाव एवं उत्पीड़न से प्रताड़ित-पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का कानून है। वह भी यदि वो लोग चाहेंगे तब। सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट ''किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए है''।