Kumbh Mela 2021: कुंभ मेले में खूब बंटी कोरोना जांच की फर्जी रिपोर्टें
Kumbh Mela 2021: लाखों लोग हरिद्वार के कुंभ मेले में आये और संक्रमण को साथ लेकर फैलाते चले गए। अब पता चला है कि मेले में लोगों की कोरोना जांच करने वाली निजी लैब फर्जी रिपोर्टें बांट रही थी।
Kumbh Mela 2021: भारत में कोरोना की दूसरी लहर में कुम्भ मेले को संक्रमण का सुपर स्प्रेडर इवेंट माना जा रहा है। लाखों लोग मेले में आये और संक्रमण को साथ लेकर फैलाते चले गए। अब पता चला है कि मेले में लोगों की कोरोना जांच करने वाली निजी लैब फर्जी रिपोर्टें बांट रही थी। उत्तराखंड सरकार ने अब मामले की जांच शुरू की है। मेले में टेस्टिंग का काम कर रहीं अन्य लैबोरेट्रीज भी जांच के दायरे में आ सकती हैं।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच हरिद्वार में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ मेले का आयोजन हुआ था।
आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का दुरुपयोग
फर्जी रिपोर्ट्स के घोटाले का खुलासा तब हुआ जब पंजाब के एक व्यक्ति को अप्रैल में मेले में जाए बिना ही टेस्ट के लिए सैंपल लेने का मैसेज आया।उस व्यक्ति ने आईसीएमआर यानी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को ईमेल भेजकर शिकायत की कि फर्जी टेस्ट के लिए उसके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का दुरुपयोग हुआ है।
आईसीएमआर ने ये शिकायत उत्तराखंड सरकार को बताई। जिसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने प्राथमिक जांच की और संदेह के दायरे में आई एक लैब के सभी टेस्ट के रिकॉर्ड देखे। इस पर पता चला कि इस लैब ने अलग-अलग लोगों की जानकारी का इस्तेमाल कर फर्जी रिपोर्ट्स तैयार की थीं। अब बाकी लैब्स की भी जांच की जा रही है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मेले के दौरान रोजाना 50,000 टेस्ट करने का आदेश दिया था। जिसके बाद मेले में कोरोना वायरस टेस्टिंग के लिए 24 निजी लैबोरेट्रीज की मदद ली गई थी। इनमें से 14 को जिला प्रशासन और 10 मेला प्रशासन की तरफ से तैनात किया गया था। जिस लैब पर धांधली करने के आरोप हैं, उसे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के रैपिड एंटीजन टेस्ट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
निजी लैब्स ने संभवतः जांच की नहीं और फर्जी रिपोर्टें तैयार करके रजिस्टर भर लिए। इनके आधार पर सरकार से पैसा ले लिया गया होगा।