Mukhtar Ansari: माफिया की काली कमाई और संपत्तियां ईडी के निशाने पर

ईडी ने विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर कहा है की बाहुबली मुख्तार अंसारी और उनसे जुड़े हुए लोगों की संपत्तियों का ब्यौरा उपलब्ध कराएं

Published By :  Ramkrishna Vajpei
Update: 2022-04-20 13:19 GMT

बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक बाहुबली मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. योगी सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद अब ईडी भी उनके खिलाफ एक्शन में आ गई है. ईडी ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से मुख्तार अंसारी से जुड़ी संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है. ईडी ने विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर कहा है की बाहुबली मुख्तार अंसारी और उनसे जुड़े हुए लोगों की संपत्तियों का ब्यौरा उपलब्ध कराएं. जिन संपत्तियों का ब्यौरा मांगा गया है उसमें नामी और बेनामी संपत्ति दोनों शामिल हैं.

एलडीए द्वारा उपलब्ध कराए गए कागजातों के आधार पर ईडी यह पता लगाएगी कि उनकी कौन से संपत्ति सही है और कौन सी अवैध. एलडीए उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि ईडी ने मुख़्तार से जुड़ी संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है. अब शकील की संपत्तियों की प्रवर्तन निदेशालय जांच करेगा बता दें मुख्तार अंसारी के गुर्गे शकील हैदर पर अब ईडी का शिकंजा कस रहा है. ईडी ने शकील हैदर पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है. जिसके बाद अब शकील की संपत्तियों की प्रवर्तन निदेशालय जांच करेगा. उस पर फर्जी कागजात से 25 करोड़ का लोन लेने का आरोप है. शकील लखनऊ के हुसैनाबाद का रहने वाला है और इस वक्त लखनऊ की जेल में बंद है शकील है।

बता दें इससे पहले योगी सरकार के पहले कार्यकाल में मुख्तार अंसारी समेत तमाम गुंडे, माफियाओं के द्वारा कब्जा की गई अवैध संपत्तियों पर जमकर बुलडोजर चला है. दूसरे कार्यकाल में भी सीएम योगी के निर्देश पर यह एक्शन जारी है. प्रदेश में भूमाफियाओं पर शिकंजा कसा जा रहा है. एलडीए भी राजधानी में अवैध संपत्तियों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया हुआ है. पिछले दिनों कई अवैध इमारतों और भूखंडों पर बुलडोजर चला. अभी भी ऐसे तमाम अवैध निर्माण को चिन्हित कर एलडीए प्रशासन द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है.

मुख्तार की कई संपत्तियां, होटल और मॉल ढहा दिए गए गौरतलब है कि मऊ से पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी इस वक्त बांदा जेल में बंद है. उनके ऊपर कई मामले चल रहे हैं, योगी सरकार के आने के बाद मुख्तार अंसारी पर शिकंजा और कस गया. उनके द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई जमीनों पर बुलडोजर चला. मुख्तार की कई संपत्तियां, होटल और मॉल ढहा दिए गए. अब एक बार फिर से उनके खिलाफ कड़े एक्शन की तैयारी हो गई है. जेल में बंद मुख्तार इस बार सियासत के मैदान में नहीं उतरा. उन्होंने अपने बेटे अब्बास अंसारी को चुनाव लड़ाया और वह सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर विधायक बने हैं.

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