Pakistan News: कुर्रम में भड़की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 122 की मौत
Pakistan News: कुर्रम में सुन्नी और शिया समुदायों के बीच संघर्ष विराम के बावजूद छिटपुट झड़पें अभी जारी हैं। 21 नवंबर को एक यात्री वैन पर हमले से शुरू हुई हिंसा कई क्षेत्रों में फैल गई है।
Pakistan News: पाकिस्तान इन दिनों अपने घर में कई मुश्किलों से घिरा हुआ है। जहां इमरान खान की पार्टी उन्हें जेल से रिहा करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है तो वहीं देश के अशांत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र के कुर्रम जिले में सुन्नी और शिया समुदायों के बीच शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस और अस्पताल सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि संघर्ष विराम के बाद भी छिटपुट झड़पों और गोलीबारी की घटनाएं लगातार जारी हैं। ताजा गोलीबारी गुरुवार को हुई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए।
इन घटनाओं के बाद राज्यपाल फैसल करीम कुंडी ने मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर को अशांत क्षेत्र का दौरा कर वहां के हालात की जानकारी लेने और वहां स्थिति जल्द से जल्द काबू में करने का निर्देश दिया है। इस हिंसा की शुरुआत 21 नवंबर को उस समय हुई जब अफगानिस्तान की सीमा से लगे इस जिले के पाराचिनार इलाके में जब एक यात्री वैन पर घात लगाकर हमला किया गया। इस हमले में 47 लोग मारे गए थे। वहीं गंभीर रूप से घायल कई लोगों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 57 हो गई।
क्यों शुरू हुई हिंसा?
इसके बाद, अलीजई और बागन कबाइली गुट आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते उग्र हो गए और एक-दूसरे पर हमला करने लगे जिससे यह हिंसा भड़क गई। बागन बाजार क्षेत्र में पिछले शुक्रवार और शनिवार को हुई सांप्रदायिक झड़पों में कम से कम 37 लोगों की मौत हुई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए। यह हिंसा बालिशखेल, खार, काली, जुंज अलीजई और मकबल सहित अन्य इलाकों में भी फैल गई।
संघर्ष विराम के बाद भी नहीं थमी झड़पें
सरकार ने 26 नवंबर को शिया और सुन्नी समुदायों के बीच सात दिनों के लिए संघर्ष विराम की घोषणा की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10 दिन कर दिया गया। इसके बाद भी दोनों पक्षों के बीच मामूली झड़पें जारी रहीं। पुलिस और अस्पताल सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार तक हुई गोलीबारी में 65 लोगों की जान जा चुकी है।
प्रशासन मामला शांत कराने में जुटा
21 नवंबर से शुरू हुई इस हिंसा में अब तक 122 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 145 लोग घायल हैं। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल यहां पर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन दोनों समुदायों के बीच तनाव कम होता नहीं दिख रहा है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अशांत क्षेत्र में हालात सामान्य करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। लेकिन यहां लगातार हो रही झड़पों के कारण क्षेत्र में शांति बहाल करना पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए एक चुनौती बन गया है।