साल 2017 : भारत और अमेरिका के रिश्तों में नया अध्याय लिख जाएगा

Update: 2017-12-27 10:20 GMT

नई दिल्ली : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की विदाई के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने गद्दी संभाली। तो आशंका जताई जाने लगी कि भारत और अमेरिका के रिश्ते सामान्य नहीं रहने वाले हैं। लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से भारत सहित दुनिया को यह संदेश देने में कोई कोताही नहीं बरती कि भारत अमेरिका का सबसे अच्छा दोस्त है। वैसे ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार में भी भारतवंशियो को लुभाने के लिए इस बात का प्रचार किया था। और उन्होंने इसे पूरा भी किया।

रणनीतिक लहजे से देखने पर साल 2017 भारत-अमेरिका संबंधों के लिए बहुत खास रहा है। दुनिया में भारत इकलौता देश है जिसके लिए ट्रंप प्रशासन 100 वर्षीय योजना लेकर आया है। जबकि अंदाजा यह था कि ट्रंप अपने करीबी रूस के साथ बड़ी डील करेंगे। लेकिन ट्रंप ने रूस, ब्रिटेन सहित अन्य नाटो देशों पर भारत को तरजीह दी है।

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ट्रंप प्रशासन ने बिना मांगे भारत को वो दिया जिसकी उसे कभी उम्मीद ही नहीं थी। दरअसल एशिया प्रशांत क्षेत्र को हिंद-प्रशांत क्षेत्र नाम ट्रंप प्रशासन ने हाल में ही दिया है।

इसके साथ ही ट्रंप ने चीन की किसी भी आपत्ति को सुना ही नहीं। और इस पूरे इलाके में नई दिल्ली को बड़ी भूमिका दे दोस्ती का नया अध्याय भी लिख डाला है। अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी ट्रंप ने वहां भारत का समर्थन किया है।

भारत के पिछले कई पीएम की तरह ही वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी भी पाकिस्तान और आतंकवाद को लेकर कई मंचों से अपनी बात कहते रहे हैं। लेकिन उन्हें दुनिया भर से मनचाहा समर्थन नहीं मिल रहा था। जबकि ट्रंप ने नई दिल्ली या कहें कि मोदी के रूख से सहमति जताते हुए कहा कि आतंकवाद पाकिस्तान से पैदा होता है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी पहली राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति जारी कर उसमें भारत को अग्रणी वैश्विक ताकत तक बताया है।

इसके साथ ही चीन की महत्वाकांक्षी वन बेल्ट, वन रोड योजना पर भी अमेरिका भारत के साथ खड़ा है। रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने पीओके से होकर गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर भारत का साथ दिया और संप्रभुता का मुद्दा उठाया।

26 जून को मोदी ने व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात की। इसके साथ ही पीएम और ट्रंप इस वर्ष दो बार मिले जबकि दोनों के बीच फोन पर अक्सर बात होती रहती है। जो इस बात का संकेत है कि भले ही दुनिया भर में ट्रंप कैसी भी छवि के साथ जी रहे हों। लेकिन भारत के साथ वो संबंधों को नए शिखर तक ले जाना चाहते हैं।

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