ट्रंप से तीखी बहस के बाद अब जेलेंस्की का आया बयान, जानिए अमेरिका के साथ रिश्ते को लेकर क्या बोले यूक्रेनी राष्ट्रपति
US Ukraine: अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हमारा रिश्ता सिर्फ दो नेताओं से कहीं ज़्यादा है। यह हमारे लोगों के बीच एक ऐतिहासिक और मज़बूत रिश्ता है।;
वोलोदिमीर जेलेंस्की और डोनाल्ड ट्रंप
US Ukraine: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदोमीर जेलेंस्की के बीच 28 फरवरी को बैठक हुई। इस दौरान दाेनों नेताओं के बीच बातचीत तीखी बहस के साथ खत्म हुई। बैठक में अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भी मौजूद थे। हालांकि ट्रंप के साथ हुई तीखी बहस के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का बयान सामने आया है।
जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, हम सभी तरह के समर्थन के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के बहुत आभारी हैं। मैं राष्ट्रपति ट्रम्प, कांग्रेस और अमेरिकी लोगों के प्रति उनके द्विदलीय समर्थन के लिए आभारी हूँ। यूक्रेन के लोगों ने हमेशा इस समर्थन की सराहना की है, खासकर इन तीन वर्षों के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के दौरान।
जेलेंस्की ने एक्स इसी विषय पर एक दूसरे पोस्ट में लिखते हैं, अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ हमारा रिश्ता सिर्फ दो नेताओं से कहीं ज़्यादा है। यह हमारे लोगों के बीच एक ऐतिहासिक और मज़बूत रिश्ता है। इसलिए मैं हमेशा अपने देश की ओर से अमेरिकी राष्ट्र के प्रति आभार के शब्दों से शुरुआत करता हूँ।
जेलेंस्की एक और पोस्ट में आगे लिखते हैं, अमेरिकी लोगों ने हमारे लोगों को बचाने में मदद की। इंसान और मानवाधिकार सबसे पहले आते हैं। हम वाकई आभारी हैं। हम अमेरिका के साथ सिर्फ़ मज़बूत रिश्ते चाहते हैं, और मुझे वाकई उम्मीद है कि हमारे पास वे होंगे।
खनिज वाले समझौते पर हस्ताक्षर करने को तैयार हैं जेलेंस्की
जेलेंस्की ने पोस्ट में कहा कि हम खनिज वाले समझौते पर हस्ताक्षर करने को तैयार हैं और ये सुरक्षा गारंटियों की ओर पहला कदम होगा। लेकिन ये काफी नहीं है और हमें इससे ज्यादा की जरूरत है। बिना सुरक्षा गारंटियों के सीजफायर यूक्रेन के लिए खतरनाक है। हम तीन साल से लड़ रहे हैं और यूक्रेनी लोगों को ये जानने की जरूरत है कि अमेरिका हमारी तरफ है।
जेलेंस्की ने लिखा, मैं रूस पर यूक्रेन का रुख नहीं बदल सकता। रूसी लोग हमें मार रहे हैं। वे हमारे हैं और इस हकीकत का हम सामना कर रहे हैं। यूक्रेन शांति चाहता है लेकिन ये स्थायी होनी चाहिए। इसके लिए हमें बातचीत के दौरान मजबूत होना होगा। शांति तभी आएगी जब हमें सुरक्षा गारंटीयां मिलेंगी। जब हमारी सेना मजबूत होगी और हमारे सहयोग हमारे साथ होंगे।