370 नहीं है पाकिस्तान का मेन मुद्दा, ये सच्चाई जान कर हो जाएंगे हैरान

जब से भारत ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया है उसी समय से हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान के अंदर अजीब सी बौखलाहट हो गयी थी।

Update: 2019-11-01 12:25 GMT

नई दिल्ली: जब से भारत ने कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया है उसी समय से हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान के अंदर अजीब सी बौखलाहट हो गयी थी। हर समय पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को लेकर भारत पर कुछ न कुछ टिप्पणिया करता रहता है। लेकिन शायद वहां के पीएम इमरान खान को पता ही नहीं है कि आखिर उनकी जनता चाहती क्या हैं। अगर आप भी यही मानते हैं कि पाकिस्तान की जनता के लिए भी कश्मीर सबसे बड़ा मुद्दा है तो आप गलत हैं। हम आपको बतातें सही बात की आखिर क्या हैं वहां का खास मुद्दा।

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बहुत बुरा है देश की इकॉनमी का हाल

गैलप इंटरनेशनल ने इकॉनमी परेशानी से जूझ रहे पाकिस्तान के सभी चारों प्रांतों में सर्वे कराया है। जिसमें ऐसी बात सामने आई है, वो बेहद ही गंभीर है और वहीं इमरान खान के लिए बुरी खबर भी है। आपको बता दें कि सर्वे में यह बात सामने आई है कि पाकिस्तान के लोगों के लिए कश्मीर मुद्दा नहीं, बल्कि बढ़ती महंगाई सबसे बड़ी समस्या है।

गैलप एंड गिलानी पाकिस्तान द्वारा 29 अक्टूबर मंगलवार को जारी किए गए सर्वे में बताया गया कि सर्वे में शामिल 53 फीसदी लोगों ने देश की अर्थव्यवस्था, और खास तौर पर बढ़ रही महंगाई को देश की सबसे बड़ी समस्या माना है। सर्वे में बताया गया कि महंगाई के बाद बेरोजगारी (23%), कश्मीर मुद्दा (8%), भ्रष्टाचार (4%) और जल संकट (4%) लोगों की समस्या है। सर्वे में राजनीतिक अस्थिरता, बिजली संकट, अन्य मुद्दों के बीच डेंगू के प्रकोप की आशंकाओं का भी उल्लेख किया गया है।

सर्वे में चारों प्रांतों को किया गया शामिल

गैलप पाकिस्तान ने बताया कि सर्वे में चारों प्रांतों- बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा, पंजाब और सिंध के पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया। बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का पिछले कुछ वर्षों में बुरा हाल हैं। पीएम इमरान खान के 13 महीने के कार्यकाल में पाकिस्‍तान की हालत दिनोदिन खराब होती गई है। पाकिस्‍तान में भ्रष्‍टाचार का बोलबाला बढ़ा है। प्रशासनिक भ्रष्‍टाचार से कारोबारी और आम जनता कराह रही है। वहीं गरीबी नित नए रिकॉर्ड बना रही है।

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देश के ऐसे हालात को देखते हुए पाकिस्‍तानी कारोबारियों का भरोसा इमरान खान की सरकार से डिगने लगा है। कुछ समय पहले कारोबारियों ने सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मुलाकात करके शिकायत की थी कि सरकार की एजेंसियां उन्‍हें बिना वजह परेशान कर रही हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि पाकिस्‍तान में पिछले साल महंगाई दर 3.9 फीसद थी जो बढ़कर 7.3 फीसद पर पहुंच गई है। अंदाजा है कि अगले साल यह 13 फीसद तक पहुंच सकती है।

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