Hiroshima Day:78 साल पहले आज अमेरिका के लिटिल बॉय ने दिया था जापान को न भूलने वाला दर्द,पल भर में हो गई थी 40,000 की मौत

6 अगस्त 1945 का वह दिन जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा में परमाणु बम से हमला किया था। इसके बाद जापान में तबाही मच गई थी। पल भर में ही 40,000 लोग मौत की नींद सो गए थे।

Update:2023-08-06 11:50 IST

Hiroshima Day: आज से 78 साल पहले अमेरिका ने जापान को ऐसा जख्म दिया था जिसे शायद ही इतिहास में भूला जा सकता है। जापान ने जो तबाही का मंजर देखा था उसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है। 6 अगस्त 1945 का वह दिन जब अमेरिका ने जापान के शहर हिरोशिमा में परमाणु बम से हमला किया था। इसके बाद जापान में तबाही मच गई थी। अमेरिका द्वारा दिया गया यह जख्म जापान के लोगों के जेहन में हर साल छह अगस्त को ताजा हो जाता है। इस दिन को यहां के लोग काफी मनहूस दिन मानते हैं।

और देखते ही देखते पल भर में तबाह हो गया हिरोशिमा-

परमाणु बम ने जापान के हिरोशिमा शहर में 4000 डिग्री से भी ज्यादा की गर्मी पैदा की और देखते ही देखते पल भर में यह शहर तबाह हो गया। हर तरफ लाशों का अंबार ही लगा था। अमेरिका को इतने से ही संतोष नहीं हुआ। हिरोशिमा में तबाही मचाने के बाद अमेरिका ने तीन दिन बाद जापान के नागासाकी में भी परमाणु बम गिराकर यहां भी तबाही मचा दी थी। अमेरिका ने जापान पर ताबड़तोड़ दो परमाणु बम गिरा कर दुनिया में तहलका मचा दिया था।

विश्व युद्ध को रोकने के लिए गिराया था बम-

साल 1939 में शुरू हुए द्वितीय विश्व युद्ध को छह साल हो चुके थे, लेकिन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा था। उस समय भी जापान एक पावरफूल देश हुआ करता था और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लगातार हमले कर रहा था। इसे ही रोकने के लिए अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराकर जापान को कभी भी न भूलने वाला दर्द दे दिया। अमेरिका ने हिरोशिमा में लिटिल बॉय और नागासाकी में फैट बॉय नामक परमाणु बम गिराया था।

पल भर में तबाह हो गया शहर-

हिरोशिमा पर परमाणु बम का असर ऐसा हुआ कि पल भर में ही 40,000 लोग मौत की नींद सो गए। अमेरिका के परमाणु हमले का असर ऐसा था कि हिरोशिमा के आसपास बसे शहरों में भी परमाणु विकिरण के कारण कई सालों तक अपंग बच्चे पैदा होते रहे।

और जापान ने अमेरिका के सामने कर दिया सरेंडर-

आखिरकार अपने दो शहरों को बुरी तरह से जलता देख जापान को झुकना पड़ा और उसने अमेरिका के सामने सरेंडर कर दिया और इसके साथ ही दूसरे विश्व युद्ध का अंत हो गया। दरअसल, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना ने अमेरिका के नौसैनिक अड्डे पर्ल हार्बर पर हमला किया था, जिसका जवाब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी दो शहरों पर परमाणु बम गिराकर दिया।

परमाणु बम नहीं बनाने की खाई कसम-

अमेरिका के परमाणु बम का असर जापान के इन दो शहरों पर ऐसा दिखा की कई सालों तक यहां के रहने वाले लोग विकिरण बीमारी, जलन और अन्य घावों के कारण मरते रहे। इस हमले से केवल हिरोशिमा में ही कुल एक लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस तबाही को देखते हुए जापान ने परमाणु शक्ति के शांतिपूर्ण इस्तेमाल और कभी परमाणु बम नहीं बनाने का संकल्प लिया। वहीं जापान के दो शहरों को तबाह करने के बाद आज तक अमेरिका ने इसके लिए माफी नहीं मांगी है। परमाणु हमले के बाद से जापान को काफी नुकसान हुआ था। इस हमले के बाद जापान को उबरने में वर्षों लग गए। जापान के लोग आज भी उस दिन को याद कर सहम जाते हैं।

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