ऐतिहासिक फैसला: अबू धाबी के अदालतों की तीसरी आधिकारिक भाषा हुई हिन्दी

अबू धाबी न्याय विभाग (एडीजेडी) ने शनिवार को कहा कि उसने श्रम मामलों में अरबी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा को शामिल करके अदालतों के समक्ष दावों के बयान के लिए भाषा के माध्यम का विस्तार कर दिया है।

Update: 2019-02-10 09:39 GMT

नई दिल्ली: विदेशों में भी भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी को बहुत महत्वपूर्ण स्थान मिलता नजर आ रहा है। अबू धाबी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अरबी और अंग्रेजी के बाद हिंदी को अपनी अदालतों में तीसरी आधिकारिक भाषा के रूप में शामिल कर लिया है। न्याय तक पहुंच बढ़ाने के लिहाज से यह कदम उठाया गया है।

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अबू धाबी न्याय विभाग (एडीजेडी) ने शनिवार को कहा कि उसने श्रम मामलों में अरबी और अंग्रेजी के साथ हिंदी भाषा को शामिल करके अदालतों के समक्ष दावों के बयान के लिए भाषा के माध्यम का विस्तार कर दिया है।

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इसका मकसद हिंदी भाषी लोगों को मुकदमे की प्रक्रिया, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में सीखने में मदद करना है। आंकड़ों के मुताबिक, संयुक्त अरब अमीरात की आबादी का करीब दो तिहाई हिस्सा विदेशों के प्रवासी लोग हैं। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय लोगों की संख्या 26 लाख है जो देश की कुल आबादी का 30 फीसदी है और यह देश का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है।

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