Haifa Port in Israel: अडानी समूह ने मोटी रकम खर्च कर किया हाइफा पोर्ट का अधिग्रहण, इजरायली मीडिया रिपोर्ट में हुआ यह खुलासा
Haifa Port in Israel: एशिया के सबसे रईस उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी अडानी समूह ने बीते हफ्ते इजरायल की हाइफा पोर्ट का अधिग्रहण कर लिया था। ये बिजनेस डील काफी सुर्खियों में रहा था।
Haifa Port in Adani Group: एशिया के सबसे रईस उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनी अडानी समूह ने बीते हफ्ते इजरायल की हाइफा पोर्ट का अधिग्रहण कर लिया था। ये बिजनेस डील काफी सुर्खियों में रहा था। इजरायल के सबसे बड़े बंदरगाह अशदोद के बाद हाइफा का ही नंबर आता है। इस बंदरगाह को इजरायल से 1.18 अरब डॉलर में खरीदा गया। इस डील में अडानी समूह के साथ इजरायली कंपनी गैडोट समूह भी शामिल है। इस कंसोर्शियम में अडानी कंपनी की 70 फीसदी जबकि गैडोट ग्रुप की 30 फीसदी की हिस्सेदारी होगी।
इजरायली अखबार डेली हाआरेतज में इस डील को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। जिसमें बताया गया है कि हाइफा पोर्ट की नीलामी प्रक्रिया में भारतीय कंपनी अडानी द्वारा भारी भरकम बोली लगाया जाना बताता है कि इस सौदे के लिए पैसे बहुत मायने नहीं रखते थे। रिपोर्ट में कहा गया है, अंडानी पोट्स ने बंदरगाह के लिए 1.8 अरब डॉलर की पेशकश की थी। यह इजरायल सरकार की उम्मीदों से कहीं अधिक कीमत है।
रिपोर्ट में कहा गया कि बिड में शामिल अन्य कंपनियां मसलन डीएओ, इजराइल शिपयार्ड और शाफिर इंजीनियरिंग ने अडानी पोट्स की ओर से पेशकश की गई धनराशि को सुनते ही इससे पीछे हट गए। रिपोर्ट में इस बोली प्रक्रिया से जुड़े शख्स ने बताया कि बोली में इस अंतर से आप समझ सकते हैं कि यह अलग तरह का मामला है। अखबार का इशारा इसके रणनीतिक महत्व की ओर है।
डील का I2U2 कनेक्शन
अडानी के इस डील को आई2यू2 (i2U2) से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जिसकी बैठक बीते दिनों हुई थी। आई2यू2 एक संगठन है, जिसके मेंबर भारत, इजरायल, यूएस और यूएई हैं। इसे वेस्ट एशिया का क्वॉड भी कहा जाता है, जिसका मकसद चीन के बढ़ रहे प्रभाव को कम करना है। इजरायली मीडिया के रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह की पश्चिमी देशों में कोई होल्डिंग नहीं है इसलिए इजरायल में कंपनी के एंट्री को वेस्ट एशिया और यूरोप के बीच समुद्री आवागमन को बढता संकेत माना जा रहा है।
बता दें कि अडानी समूह और गैडोट समूह अगले 32 साल यानी 2054 तक हाइफा बंदरगाह का संचालन करेंगे। यह बंदरगाह इजरायल के उत्तर में स्थित है। यह इजरायल के तीसरे सबसे बड़े शहर हाइफा के करीब है। भारत के लिए इसका ऐतिहासिक महत्व भी है क्योंकि 1918 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश क्राउन की तरफ से भारतीय सेनाओं ने हाइफा में जंग लड़ा था और शहर को ऑटोमन साम्राज्य से मुक्त किया था। यह लड़ाई इतिहास के प्रसिद्ध लड़ाईयों में दर्ज है।