Afghanistan Taliban War: काबुल एयरपोर्ट के ATC को US ने किया टेकओवर
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी और सहयोगी बलों सुरक्षित वापसी के लिए 1,000 सैनिकों को भेजा...
Afghanistan Taliban War: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका समेत पूरी दुनिया चिंतित है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी और सहयोगी बलों की व्यवस्थित और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए युद्धग्रस्त देश में 1,000 और सैनिकों को भेजा है। अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने देश के नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए काबुल एयरपोर्ट के एयर ट्रैफिक कंट्रोल को टेक ओवर करने की घोषणा की है। बता दें की काबुल को अपनी गिरफ्त में लेने के बाद तालिबान काबुल की जरूरी जगहों पर अपना कब्जा कर रहा है। रविवार रात काबुल हवाईअड्डे पर गोलियां चलीं। यहां से कई देशों के राजनयिक कर्मियों को निकाला जा रहा है। हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है।
अमेरिका के एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि बाइडन ने शनिवार को अपने बयान में कुल 5,000 जवानों की तैनाती को मंजूरी दी, जिसमें 1,000 सैनिक भी शामिल हैं, जो पहले से अफगानिस्तान में मौजूद हैं। अमेरिकी 82वीं एयरबोर्न डिवीजन से 1,000 सैनिकों की एक बटालियन को कुवैत में उनकी मूल तैनाती के बजाय काबुल भेज दिया गया था। पेंटागन ने पहले घोषणा की थी कि 3,000 अतिरिक्त सैनिकों को भेजा जा रहा है।
5,000 अमेरिकी सैनिकों की तैनाती को मंजूरी
बाइडन और अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा दल के साथ शनिवार को वीडियो कांफ्रेंस की थी। इस वीडियो कांफ्रेंस में अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिकी नागरिकों की वापसी, SIV (विशेष आव्रजक वीजा) आवेदकों को वहां से निकालने और बदल रही सुरक्षा स्थिति की निगरानी के लिए चल रहे प्रयासों पर चर्चा की गई। बाइडन ने एक बयान में कहा, 'हमारे राजनयिक, सैन्य और खुफिया दलों की सिफारिशों के आधार पर, मैंने लगभग 5,000 अमेरिकी सैनिकों की तैनाती को मंजूरी दी है, ताकि हम अफगानिस्तान से अमेरिकी कर्मियों और अन्य संबद्ध कर्मियों की व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से वापसी सुनिश्चित कर सकें।'
तालिबान का जलालाबाद पर भी कब्जा
बाइडन के इस बयान के कुछ ही घंटों बाद तालिबान ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया। अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो बलों की संपूर्ण वापसी से पहले तालिबान देश पर हर ओर से कब्जा करता जा रहा है, राजधानी काबुल तेजी से अलग-थलग पड़ती जा रही है। रविवार सुबह चरमपंथी संगठन ने जलालाबाद पर कब्जा कर लिया, जिसके कारण काबुल देश के पूर्वी हिस्से से कट गया है। काबुल के अलावा जलालाबाद ही ऐसा इकलौता प्रमुख शहर था, जो तालिबान के कब्जे से बचा हुआ था। अब अफगानिस्तान की केंद्रीय सरकार के नियंत्रण में देश की 34 प्रांतीय राजधानियों में से काबुल और छह अन्य प्रांतीय राजधानी ही बची हैं।