Afghanistan Women : तालिबानियों के सामने सड़क पर उतरीं अफगानी लड़कियां, मांगा आजादी का हक
Afghanistan Women : अफगानिस्तान में करीब 50 महिलाएं अपने अधिकार के लिए हाथों में तख्तियां लिए हुए विरोध के नारे लगाती हुई नजर आई।
Afghanistan Women : अफगानिस्तान में कुछ दिनों में ही तालिबान की सरकार को लेकर घोषणा हो सकती है। ऐसे में इस बीच सरकार में महिलाओं की न के बराबर भागीदारी के विरोध में और काम करने के अधिकार को लेकर (Women's Rights in Afghanistan 2021) महिलाओं ने प्रदर्शन किया।
लगभग 50 अफगान महिलाएं अपने अधिकार के लिए हाथों में तख्तियां लिए हुए विरोध के नारे लगाती हुई नजर आई। महिलाओं के अधिकार को लेकर तालिबान ने दावा किया है कि नए शासन काल में महिलाएं अपना काम जारी रख सकेंगी।
महिलाओं के अधिकार
बता दें, सन् 2001 से पहले के पुराने दौर में तालिबान ने इस्लामिक कानूनों के पालन में हिंसा और क्रूरता दिखाई थी। जिसके चलते महिलाओं की शिक्षा और काम करने पर प्रतिबंध था। महिलाओं की आजादी पर रोक थी।
सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों में एक महिला ने बताया कि वे चाहती हैं कि तालिबान महिलाओं को भी कैबिनेट में शामिल करे। उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि तालिबान हमारे साथ विचार-विमर्श करे। हमें उनके समारोह और कार्यक्रमों में महिलाएं नजर नहीं आईं।'
वहीं प्रदर्शनों के समय वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों का कहना था, 'शिक्षा, काम और सुरक्षा हमारा अधिकार है। हम डरते नहीं हैं, हम एक हैं।'
सूत्रों से सामने आई रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान से महिलाओं के काम करने के अधिकार को लेकर जवाब नहीं मिलने पर प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे थे। जिसमें से एक 24 वर्षीय महिला ने कहा कि उन्हें और अन्य महिलाओं को काम पर वापिस नहीं आने के लिए कहा गया है।
महिलाएं अपना काम जारी रख सकती
इसके साथ ही जब महिलाएं पश्चिमी अफगानिस्तान के सबसे बड़े शहर में दफ्तरों में लौटी, तो उन्हें वापस कर दिया गया। इस बारे में महिला ने बताया कि हेराती महिलाओं के एक समूह ने तालिबान के शीर्ष अधिकारियों से महिलाओं के अधिकारों को लेकर नीतियों पर सफाई मांगी थी, लेकिन उन्हें कभी भी सही जवाब नहीं मिला।
इस मुद्दे पर तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने बताया था कि महिलाएं अपना काम जारी रख सकती है। उनके लिए भविष्य की सरकार या किसी शीर्ष पर पद पर 'शायद' जगह न हो। तालिबान के पुराने शासन में वे भी एक कट्टरपंथी थे। टीवी पर तालिबान के नेता का इंटरव्यू करने वाली अफगानिस्तान की पहली महिला पत्रकार बेहेस्ता अरघंद डर के कारण देश छोड़कर निकल चुकी हैं।