कोरोना पर ट्रंप ने WHO को दी धमकी, कहा- ऐसा नहीं किया तो बंद कर देंगे फंडिंग
WHO को लिखे ख़त में ट्रंप ने कहा कि दिसंबर 2019 में ही पता लग गया था कि ये वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है।
पूरी दुनिया पिछले कुछ महीनों से वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जूझ रही है। इस वायरस को लेकर WHO पर कई बार कई तरह के सवाल भी उठ चुके हैं। अमेरिका सहित कई देशों का कहना है कि WHO शुरू से चीन का साथ दे रहा है। अगर WHO चाहता तो इस महामारी को इस को इस हद तक फैलने से रोक सकता था। क्योंकि उसको इसकी जानकारी पहले ही हो चुकी थी। फिलहाल कोरोना वायरस को लेकर अब अमेरिका और WHO के बीच लगातार तनातनी जारी है। अमेरिका पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी जानी वाली फंडिंग को रोक चुका है। अब एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर एक बार WHO प्रमुख टेड्रोस घेब्रेयेसस को एक चिट्ठी लिखी है।
अमेरिका ने WHO को दी फंडिंग बंद करने की धमकी
राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस ख़त में लिखा है, अगर अगले तीस दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन, अपनी नीति और संगठन में बड़ा बदलाव नहीं करता है तो अमेरिका अपनी फंडिंग को हमेशा के लिए बंद कर देगा। यानी की अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को खुली चुनौती दे दी है।
ये भी पढ़ें- शेयर बाजार में रिकवरी, शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 400 अंक मजबूत
ट्रम्प ने साथ में ये भी लिखा है कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन में अपनी मेम्बरशिप के बारे में भी दुबारा से सोच सकता है। अमेरिका का लगातार ये कहना है कि WHO कोरोना वायरस के मामले में चीन का साथ दे रहा है। और इसका परिणाम पूरी दुनिया को भुगतना पड़ रहा है।
अमेरिका में जारी कोरोना वायरस का कहर
WHO को लिखे ख़त में ट्रंप ने कहा कि दिसंबर 2019 में ही पता लग गया था कि ये वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है। लेकिन इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया और दुनिया को चेतावनी नहीं दी गई। साथ ही किसी भी देश को ऐसी बीमारी को चौबीस घंटे के अंदर रिपोर्ट करना होता है, लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया। ट्रम्प ने अपनी इस चिट्ठी में उन बातों का भी जिक्र किया जिसमें ये दावा किया गया था कोरोना वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता है।
ये भी पढ़ें- चीन की चाल में फंसा नेपाल! भारत के इन इलाकों को अपने नक्शे में दिखाया
ट्रम्प ने सीधे शब्दों में WHO को चेतावनी देते हुए लिखा कि WHO अगले तीस दिनों में सख्त फैसला ले, वरना बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति वह अपने देश के लोगों के टैक्स का पैसा इस तरह बर्बाद नहीं कर सकते हैं। गौरतलब है कि अमेरिका कोरोना वायरस से चीन का दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। जहां बतक 15 लाख से अधिक लोग चपेट में आ चुके हैं, जबकि 90 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।