इस छोटे से शहर ने एक बड़े मुद्दे पर तोड़ लिया चीन से नाता
नीदरलैंड की अर्नहेम सिटी का पड़ोसी शहर वुहान से सहयोग का रिश्ता टूट गया है क्योंकि चीन में मुसलमानों का उत्पीड़न होना है
नीदरलैंड की अर्नहेम सिटी का पड़ोसी शहर वुहान से सहयोग का रिश्ता टूट गया है। और इसकी बड़ी वजह चीन के बंदरगाह शहर वुहान उइगर या वीगर मुसलमानों का नरसंहार और उत्पीड़न किया जाना है। ताजा घटनाक्रम कोई आज का अचानक से आया रिएक्शन नहीं है। इस पर लंबे समय से खींचतान चल रही है लेकिन एक शहर का ये फैसला कई देशों के फैसले में अगर बदला तो चीन की इसको भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों ग्रुप सेवन के देशों ने उइगर मुसलमानों पर जिनपिंग सरकार के जुल्म, हांगकांग में नागरिकों के अधिकारों का हनन और ताइवान स्ट्रेट में चीन की तनातनी पर बेहद सख्त संदेश दिया था। जी-7 समूह की पिछले माह हुई एक बैठक के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा ने एक साझा बयान जारी कर चीन को अपना रवैया ठीक करने को कहा था। जिस पर चीन बौखला गया था और रिएक्शन में कहा था कि वह दौर जा चुका है जब कुछ देशों का छोटा समूह कोई फैसला ले। सारे मामले मिल बैठकर बातचीत से सुलझाएंगे लेकिन अपने रवैये में चीन ने कोई बदलाव नहीं किया।
उइगर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार
चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के व्यापक विरोध के बावजूद चीन दमन की कार्रवाई बदस्तूर जारी रखे है। दुनिया भर में हो रही आलोचनाओं को नजरअंदाज कर उसने नए डिटेंशन सेंटर का निर्माण किया गया है। बताया जाता है कि यह डिटेंशन सेंटर इतना बड़ा है कि यहां दस हजार से ज्यादा लोग रह सकते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा डिटेंशन सेंटर है जो आकार में वेटिकन सिटी से लगभग दोगुना बड़ा है। इसमें चीन ने 240 हिरासत केंद्र बना रखे हैं। कुछ हिरासत केंद्रों में नई इमारतें भी बन रही हैं।
नीदरलैंड के कई राजनीतिक दलों ने चीन से संबंध तोड़ा
नीदरलैंड के अर्नहेम सिटी के मामले को एक छोटा मामला कहा जा सकता है जो कि वहां की स्थानीय राजनीति का नतीजा भी हो सकता है लेकिन इसके संदेश बड़े हैं। अर्नहेम की नगर परिषद ने बहुमत से मेयर की उस योजना के खिलाफ मतदान किया है जिसमें योजनाबद्ध तरीके से वुहान के साथ संबंधों को जारी रखा जाना था। नीदरलैंड के कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने तत्काल प्रभाव से चीन के साथ संबंधों को तोड़ने के लिए वोट किया है।
उइगर मुसलमानों को हालत खराब हो रही है
अर्नहेम की इस पहले के बाद चीन में उइगर मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की दिन ब दिन बद से बदतर होती जा रही है स्थिति की तरफ एक बार फिर दुनिया का ध्यान जाने की उममीद बढ़ी है। खास बात यह है कि डच संसद के निचले सदन ने भी चीन के उइगर लोगों के साथ अत्याचार को नरसंहार करार दिया है।