Ayman al-Zawahiri killed: अमेरिका को 21 साल से थी अल जवाहिरी की तलाश, लादेन से मुलाकात के बाद डॉक्टर से बना खूंखार आतंकी
Ayman al-Zawahiri killed: 2001 में अमेरिका में हुए बड़े आतंकी हमले में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के साथ खूंखार आतंकी अल जवाहिरी भी शामिल था।
Ayman al-Zawahiri killed: दुनिया भर में कुख्यात खतरनाक आतंकी संगठन अलकायदा के सरगना अयमान अल जवाहिरी को मार गिराना अमेरिका की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। 2001 में अमेरिका में हुए बड़े आतंकी हमले में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के साथ खूंखार आतंकी अल जवाहिरी भी शामिल था। अमेरिकी एजेंसियों को 21 साल से अल जवाहिरी की तलाश थी। अमेरिका ने 2011 में ओसामा बिन लादेन को मारने में तो कामयाबी हासिल कर ली थी मगर अल जवाहिरी अमेरिकी एजेंसियों को लगातार गच्चा दे रहा था। अब अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को बड़ी कामयाबी मिली है और अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अल जवाहिरी को मार गिराया गया है।
अल जवाहिरी पेशे से आंख का डॉक्टर था मगर ओसामा बिन लादेन से मुलाकात के बाद वह आतंकवाद की दुनिया के सबसे चर्चित चेहरों में गिना जाने लगा। 2001 में अमेरिका में हुए आतंकी हमलों में इस्तेमाल किए गए विमानों को हाईजैक करने में अल जवाहिरी की भी बड़ी भूमिका थी। अल जवाहिरी के मरने की कई बार अफवाह उड़ी मगर अब जाकर अमेरिकी राष्ट्रपति और अमेरिकी एजेंसियों ने उसके मारे जाने की पुष्टि की है।
बालकनी में बनाया ड्रोन से निशाना
अमेरिकी एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि अल जवाहिरी को उस समय निशाना बनाया गया जब वह अपने घर की बालकनी में बैठा हुआ था। उसी दौरान ड्रोन के जरिए जवाहिरी पर दो मिसाइल दागे गए और वह ढेर हो गया। अमेरिकी हमले की आशंका को देखते हुए अल जवाहिरी काफी सतर्क रहा करता था मगर इस बार अमेरिकी एजेंसियों ने ड्रोन हमले में अल जवाहिरी को मार गिराने में कामयाबी हासिल की। इस हमले में किसी और के हताहत होने की खबर नहीं है।
कई ऑपरेशन में निभाई मास्टरमाइंड की भूमिका
अमेरिका ने 2011 में खूंखार आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराने में कामयाबी हासिल की थी। लादेन के मारे जाने के बाद अलकायदा के सरगना की जिम्मेदारी अल जवाहिरी ने संभाल ली थी। अल जवाहिरी की देखरेख में अलकायदा ने दुनिया कई हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया। अलकायदा की गतिविधियों के पीछे हमेशा अल जवाहिरी मास्टरमाइंड की भूमिका निभाता रहा।
आतंकी सरगना अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र की राजधानी काहिरा में हुआ था। उसका ताल्लुक एक सम्मानित मध्यमवर्गीय परिवार से था मगर बाद के दिनों में वह आतंकवाद की दुनिया में कूद पड़ा।
अल जवाहिरी के दादा राबिया अल जवाहिरी सुन्नी इस्लामी शिक्षा केंद्र अल अजहर के इमाम थे। अल जवाहिरी भी पेशे से आंखों का डॉक्टर था मगर बाद में वह दूसरे रास्ते पर चल निकला। ओसामा बिन लादेन से मुलाकात के बाद उसका रास्ता बिल्कुल बदल गया और वह आतंकवाद की दुनिया में सक्रिय हो गया। उसने अलकायदा के कई बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने में बड़ी भूमिका निभाई।
अनवर सादात की हत्या में भी आया था नाम
अल जवाहिरी ने मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध करने के लिए इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद का गठन किया था। जवाहिरी मिस्र में इस्लामिक हुकूमत की स्थापना करना चाहता था और इस संगठन को बनाने के पीछे उसका यही मकसद था। 1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या कर दी गई थी और इस मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनमें अल जवाहिरी भी शामिल था। उसे 3 साल तक जेल में भी रहना पड़ा था।
लादेन से इस तरह बढ़ी नजदीकी
इस घटना में नाम आने के बाद अल जवाहिरी ने मिस रोज छोड़ने में ही भलाई समझी और वह सऊदी अरब पहुंच गया। सऊदी अरब पहुंचने के बाद वह डॉक्टरी की प्रैक्टिस करने लगा और सऊदी अरब में ही उसकी पहली बार खूंखार आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन से मुलाकात हुई। लादेन ने अलकायदा को मजबूत बनाने के लिए पाकिस्तान की यात्रा की तो उस समय जवाहिरी भी लादेन के साथ ही था।
अलकायदा को मजबूत बनाने के इन प्रयासों के दौरान अल जवाहिरी लादेन के काफी करीब आ गया और अलकायदा में बड़ी भूमिका निभाने लगा। 2001 में अल जवाहिरी ने अपने संगठन की इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद का अलकायदा में विलय किया था।
आतंकी घटनाओं से पूरी दुनिया को दहलाया
ओसामा बिन लादेन के साथ मिलकर अल जवाहिरी ने पूरी दुनिया को आतंकवाद की घटनाओं से दहला दिया। अमेरिका में 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए बड़े हमले में अल जवाहिरी भी लादेन के साथ शामिल था। इस हमले के दौरान दो विमान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दो टावरों से टकरा गए थे। तीसरा विमान अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकराया था जबकि चौथा अभिमान एक खेत में क्रैश हो गया था। इस हमले में 3000 लोग मारे गए थे।
अलकायदा ने इस आतंकी घटना से पूरी दुनिया को दहला दिया था। अमेरिका इस घटना के बाद ही लादेन और अल जवाहिरी की तलाश में जुट गया था। लादेन को 2011 में बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान मार गिराया गया जबकि अल जवाहिरी को अब बाइडेन के कार्यकाल में मारने में कामयाबी मिली है।
जवाहिरी को हासिल था तालिबान का संरक्षण
अलकायदा के ऑपरेशन में बड़ी भूमिका निभाने के कारण ही 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद इस खूंखार आतंकी संगठन की कमान अल जवाहिरी को सौंपी गई। अलकायदा की कमान संभालने के बाद अल जवाहिरी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में जुटा रहा। कई बार अंतरराष्ट्रीय मीडिया में जवाहिरी की मौत की अफवाहें उड़ीं मगर बाद में वीडियो जारी करके अल जवाहिरी ने अपने जिंदा होने का सबूत भी पेश किया।
अमेरिका की ओर से हमला किए जाने की आशंका को देखते हुए ही अल जवाहिरी अफगानिस्तान में है छिपा हुआ था और उसे तालिबान का संरक्षण हासिल था। शनिवार रात करीब पौने दस बजे अमेरिका ने बड़ा ऑपरेशन करते हुए अल जवाहिरी को मार गिराया। अमेरिका का कहना है कि ड्रोन हमले में सिर्फ जवाहिरी को निशाना बनाया गया।