अभी-अभी इस देश ने फिर किया हमला, अमेरिका ने भारत से की बातचीत

ईरान और अमेरिका इन दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। यूरोपियन यूनियन, भारत समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन दोनों के बीच तनाव की स्थिति कम होती हुई नजर नहीं आ रही है।

Update: 2020-01-06 04:01 GMT

नई दिल्ली: ईरान और अमेरिका इन दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। यूरोपियन यूनियन, भारत समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन दोनों के बीच तनाव की स्थिति कम होती हुई नजर नहीं आ रही है। वहीं इस बीच एक बार फिर से बगदाद में अमेरिकी दूतावास पर हमला हुआ है। दूतावास के पास दो रॉकेट दागे गए हैं। हालांकि अभी तक इस हमले में किसी के जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

अमेरिका ने भारत से की बातचीत

तो अब वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान कर दिया है कि ईरान में 52 ठिकाने उनके निशाने पर हैं जिन्हें वो बर्बाद कर सकते हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की और जनरल सुलेमानी से जुड़े फैसले के बारे में भारत को सूचित किया। इसके अलावा भारत और अमेरिका ने पश्चिम एशिया में पैदा हुए तनाव पर भी चर्चा की।

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दूसरी बार अमेरिकी दूतावास पर हुआ हमला

बता दें कि बगदाद में दूसरी बार अमेरिकी दूतावास पर हमला किया गया है। दूतावास पर दो रॉकेट से हमला किया गया है। इससे पहले शनिवार की रात को बगदाद में अमेरिकी दूतावास और एयरफोर्स बेस पर रॉकेट से हमला किया गया है। एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, ग्रीन जोन के बाहर एक तीसरा रॉकेट भी आकर गिरा, जिसका शिकार एक परिवार हो गया। इस घटना में 4 लोग घायल हो गये।

दरअसल, बीते दिन शुक्रवार को अमेरिका के एयरस्ट्राइक में ईरान के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। वहीं अमेरिका ने ईरान समर्थित संगठन हशद अल शाबी को भी कल शनिवार को इराक में निशाना बनाया। जिसके बाद शनिवार रात बगदाद में अमेरिकी दूतावास और एयरफोर्स बेस पर रॉकेट से हमला किया गया है।

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अमेरिका और केन्या के संयुक्त आर्मी बेस पर हमला

वहीं इसके बाद पूर्व अफ्रीकी देश केन्या में अमेरिका और केन्या के संयुक्त आर्मी बेस पर हमला हुआ। अमेरिकी बेस पर विस्फोटक से भरी कार से धमाका किया गया। आतंकी संगठन अल शबाब ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। बता दें कि अल शबाब, अल कायदा से जुड़ा हुआ आतंकी संगठन है। ऐसा 22 सालों बाद हुआ है जब अफ्रीका के अंदर किसी अमेरिकी संस्था पर हमला हुआ हो। इससे पहले साल 1998 में नैरोबी में अमेरिकी दूतावास पर बमबारी हुई थी।

ट्रंप ने ईरान को दी थी चेतावनी

वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी ट्वीट कर ईरान को हमले न करने की चेतावनी दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि, उन्होंने हम पर हमला किया और हमने उस हमले का जवाब दिया। यदि वे फिर से हमला करते हैं, जो मैं उन्हें सलाह देता हूं कि वे ऐसा न करें, तो हम उन पर पहले से कहीं ज्यादा जोरदार हमला करेंगे, जैसा अब तक कभी नहीं हुआ।



ईरान ने युद्ध का किया ऐलान

वहीं दूसरी ओर ईरान ने प्रमुख मस्जिद पर लाल झंडा लहराकर युद्ध की स्थिति का ऐलान कर दिया है। शिया परंपरा के मुताबिक, मस्जिद पर लाल झंडा फहराना युद्ध और बदला लेने का प्रतीक होता है।

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अमेरिका द्वारा बगदाद में एयर स्ट्राइक किए जाने के बाद ईराक के अमेरिका के ठिकानों पर हमला हुआ है। बगदाद में हुई एयर स्ट्राइक में टॉप कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी। वहीं ट्रंप ने सुलेमानी की मौत को सही ठहराया है। ट्रंप ने कहा था कि, जो अमेरिका को नुकसान पहुंचाएगा उसे ढूंढ कर मारेंगे।

अमेरिका के ठिकानों पर हुए हमले के बाद ट्रंप ने ईरान को चेताते हुए कहा कि, अमेरिका की कुछ संपत्तियों को निशाना बनाने के बारे में ईरान बहुत ही साहस के साथ बात कर रहा है। जबकि अपने आतंकी नेता के बारे में नहीं बता रहा है, जिसने अपने जीवनकाल में कई अमेरिकियों को और कई लोगों की हत्या की।



उन्होंने लिखा था कि, सैकड़ों ईरानी प्रदर्शनकारी अमेरिका के दूतावास पर हमला कर रहे हैं। कई जगहों पर हमले की तैयारी कर रहे हैं। ये ईरान की पुरानी समस्या है। मैं चेतावनी देता हूं अगर किसी भी अमेरिकन या उसके ठिकानों को निशाना बनाया। हमने इरान के 52 ठिकानों को टारगेट किया है। कुछ ठिकाने ईरान के लिए बेहद खास हैं। हम इनपर बहुत तेज और जोरदार हमला करेंगे। अमेरिका अब कोई धमकी बर्दाश्त नहीं करेगा।





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