Berlin: इस हाउसिंग स्कीम में 500 वर्षों से नहीं बढ़ा है किराया

दुनिया का सबसे पुराना हाउसिंग काम्प्लेक्स जर्मनी में है। इसकी एक बड़ी खासियत यह है कि इस काम्प्लेक्स में रहने वालों के लिए किराया..

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Deepak Raj
Update:2021-09-06 15:05 IST

फुग्गेरेई हाउसिंग कम्पलेक्स, औगसबर्ग (फाइल फोटो, सोर्स-सोशल मीडिया)

Berlin: दुनिया का सबसे पुराना हाउसिंग काम्प्लेक्स जर्मनी में है। इसकी एक बड़ी खासियत यह है कि इस काम्प्लेक्स में रहने वालों के लिए किराया सन 1521 से नहीं बढ़ा है। जो किराया 500 साल पहले लोग देते थे वही आज भी कायम है। जर्मनी के औगसबर्ग में एक रईस बिजनेसमैन जकोब फुग्गर ने पांच सदी पहले इस आवासीय परिसर का निर्माण कराया था जिसका नाम फुग्गेरेई रखा गया। यह आज भी बेहतरीन स्थिति में है। यहाँ तमाम लोग रहते हैं। औगसबर्ग शहर में यह आवासीय परिसर किसी मध्ययुगीन गाँव की तरह दिखता है क्योंकि इसमें किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। यहाँ तक कि इसका किराया भी 500 साल में नहीं बदला है।


फुग्गेरेई हाउसिंग कम्पलेक्स, औगसबर्ग (फाइल फोटो, सोर्स-सोशल मीडिया)

किरायेदार आज भी सालाना 1.30 डालर, यानी करीब 100 रुपये किराया देते हैं। इस परिसर को जरूरतमंद लोगों के लिए बनाया गया था। आज भी जरूरतमंदों को ही रखा जाता है। फुग्गेरेई में 160 किरायेदार रहते हैं जिमें रिटायर्ड लोगों से लेकर युवा तक शामिल हैं। अमूमन सभी किरायेदार ऐसे हैं जो महंगे अपार्टमेंट का किराया वहन नहीं कर सकते हैं। यह शहर म्युनिख से एक घंटे की ड्राइव पर स्थित है। म्यूनिख में काम करने वाले बहुत से लोग इस शहर में सस्ते मकानों के चलते रहते हैं। म्यूनिख जर्मनी के सबसे महँगे आवासीय शहरों में शामिल है।

जकोब फुग्गर ने कराया था निर्माण


जकोब फुग्गर (फाइल फोटो, सोर्स-सोशल मीडिया) 

1521 में एक रईस बिजनेसमैन जकोब फुग्गर ने फुग्गेरेई का निर्माण शहर के सबसे गरीब कैथोलिक कामगारों के लिए कराया था। फुग्गेरेई जकोब का विज़न एक ऐसे आवासीय परिसर का था जहां लोग कर्ज के बोझ से मुक्त हो कर रह सकें और चिंता मुक्त हो कर अपना कामकाज कर सकें। जकोब ने उस समय किरायेदारों के लिए सालाना एक राइनशर गुल्डन (तत्कालीन मुद्रा) का किराया तय किया था जो उस समय एक महीने के वेतन के बराबर था। आज ये आवासीय परिसर टूरिस्टों के आकर्षण का केंद्र है। इस परिसर में बनी 67 इमारतों के बीच घूमने के लिए करीब 600 रुपये का टिकट खरीदना पड़ता है। इस परिसर में सभी मकान दुमंजिले हैं। सभी की डिज़ाइन एक जैसी है। सभी मकानों में बाहर गहरे पीले रंग का पेंट किया गया है और छत टेराकोटा की खपरैल से बनी हैं।

किरायेदारी की कुछ शर्तें

फुग्गेरेई में रहने के लिए कुछ शर्तें भी हैं – उनको यह साबित करना होता है कि उनको आर्थिक मदद की जरूरत है, वे कम से कम दो साल तक औगसबर्ग में पहले रह चुके हों और तीसरी शर्त है कि वे कैथोलिक अनुयायी हों। इस परिसर में रहने में इंटरेस्टेड लोगों को सबसे पहले सामाजिक कार्यकर्ता डोरिस हेर्जोग से संपर्क करना होता है। डोरिस चर्च के रजिस्टर से पड़ताल करती हैं कि आवेदक कैथोलिक है कि नहीं। इसके बाद आवेदक का इंटरव्यू लिया जाता है और उनकी माली हालत के बारे में जाना जाता है। डोरिस के अनुसार करीब 80 लोग अभी वेटिंग लिस्ट में हैं।

ऐसे लोगों को संभवतः कई वर्षों तक इन्तजार करना पड़ सकता है। सबसे ज्यादा इंतज़ार ग्राउंड फ्लोर के अपार्टमेंट के लिए करना पड़ता है क्योंकि ज्यादातर लोग इसी में रहना चाहते हैं। ग्राउंड फ्लोर की वेटिंग लिस्ट सात साल तक की हो सकती है। फुग्गेरेई का प्रबंधन आज भी जकोब फुग्गर के वंशज देखते हैं। जकोब के नाम से एक फंड है उसी से रखरखाव का काम किया जाता है।

500 साल पहले के नियम

किरायेदारों के लिए अमूमन वही नियम आज भी लागू हैं जो 500 साल पहले थे। उनको सामुदायिक कार्य करने होते हैं, मिसाल के तौर पर बगीचे की देखभाल या रात की चौकीदारी का काम करना होता है। इस परिसर के गेट रात 10 बजे बंद कर दिए जाते हैं। उसके बाद कोई किरायेदार आता है तो गेटकीपर को लेट फीस देनी पड़ती है। फुग्गेरेई में बाकी नियम तो पालन किये जाते हैं लेकिन एक नियम को लागू करवाना मुश्किल रहा है। दरअसल, इस परिसर के मूल निवासियों से कहा गया था कि वे जकोब फुग्गर और उनके परिवार के लिए दिन में तीन बार प्रार्थना करेंगे।

ये नियम आज भी लागू है लेकिन अधिकाँश निवासी इसका शिद्दत से पालन नहीं करते हैं। लोगों का कहना है वे चंद मिनट भगवान को याद कर लेते हैं लेकिन तीन बार प्रार्थना नहीं करते। एक किरायेदार के अनुसार परिसर के प्रशासक का कहना है कि सबको जकोब के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। वह स्वर्ग से सब देखते होंगे। आप प्रार्थना नहीं करेंगे तो उसके परिणाम के लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे।

23 अगस्त को मनाई गयी वर्षगाँठ

फुग्गेरेई की 500वीं वर्षगाँठ 23 अगस्त को एक समारोह में मनाई गयी जिसमें बवेरिया के प्रधानमंत्री मारकस सोदेर भी शामिल हुए। इस मौके पर लोगों ने हैप्पी बर्थडे गाया। परिसर के मुख्य चौराहे पर साथ बैठ कर खाना खाया। सभी ने उम्मीद जताई कि यह परिसर अगले 500 साल ऐसे ही आबाद रहेगा।

Tags:    

Similar News