Bitcoin: दुनियाभर में धूम मचाने वाली क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन पर अल सल्वाडोर ने वैधानिकता की मुहर लगा दी है। अल सल्वाडोर के प्रेसिडेंट नाएब बुकेले द्वारा लाये गए विधेयक को संसद में भारी बहुमत से पास कर दिया गया। कांग्रेस यानी संसद के 84 में से 62 सदस्यों ने बिटकॉइन को कानूनी मुद्रा का दर्जा देने वाले विधेयक का समर्थन किया और इसको कानून का दर्जा दे दिया।
अल सल्वाडोर के प्रेसिडेंट नाएब बुकेले ने इस मौके पर ऐलान किया कि अल सल्वाडोर में जो लोग बिटकॉइन का निवेश करेंगे उन्हें देश की नागरिकता दी जायेगी। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में तीन बिटकॉइन का निवेश करने वाले को सरकार नागरिकता प्रदान करेगी। अल सल्वाडोर में बिटकॉइन को मान्यता मिलने के साथ ही इस क्रिप्टो करेंसी के भाव चढ़ गए हैं। भारतीय करेंसी में एक बिटकॉइन का दाम 25 लाख रुपये चल रहा है।
अल सल्वाडोर में पारित बिटकॉइन सम्बन्धी कानून में कहा गया है कि बिटकॉइन के जरिये स्वतंत्र रूप से असीमित लेनदेन किया जा सकता है। अब अल सल्वाडोर के नागरिक किसी भी चीज के दाम बिटकॉइन में प्रदर्शित कर सकेंगे, कोई भी टैक्स बिटकॉइन में जमा किया जा सकेगा। बिटकॉइन में किये गए लेनदेन पर कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगेगा। अब इसे डॉलर के बराबर का दर्जा मिएल्गा और उसी की तरह प्रयोग में लाया जा सकेगा।
बीते 6 जून को मियामी, फ्लोरिडा में बिटकॉइन 2021 सम्मेलन में अल सल्वाडोर के प्रेसिडेंट नाएब बुकेले ने बिटकॉइन टेक्नोलॉजी के प्रयोग से देश के वित्तीय इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए डिजिटल वॉलेट कम्पनी स्ट्राइक के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की थी।
एक कार्यक्रम के दौरान अल सल्वाडोर के प्रेसिडेंट नाएब बुकेले (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)
डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म स्ट्राइक के संस्थापक जैक मेर्ल्स ने प्रेसिडेंट बुकेले की घोषणा पर कहा कि इसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनी जाएगी। उन्होंने कहा कि बिटकॉइन दुनिया का सर्वोत्तम मौद्रिक नेटवर्क है। ये अब तक का महानतम रिज़र्व एसेट है। बिटकॉइन रखने से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को पारंपरिक करेंसी के झटकों से सुरक्षा मिलने का रास्ता मिलता है। जैक मेर्ल्स ने कहा कि अल सल्वाडोर के कदम से रोजमर्रा के इस्तेमाल में बिटकॉइन की ताकत और पोटेंशियल को जबरदस्त बूस्ट मिलेगा।
बैंक सुविधाओं से वंचित अल सल्वाडोर
सेंट्रल अमेरिका में स्थित अल सल्वाडोर एक कैश इकोनॉमी है जहां 70 फीसदी जनता के पास बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड नहीं हैं। इस देश की जीडीपी में 20 फीसदी योगदान विदेशों में काम करने वाले अप्रवासी लोगों द्वारा भेजे गए धन का है। विदेश से पैसा आने में मध्यस्थ काफी कमीशन काट लेते हैं और पूरी प्रक्रिया में समय अलग लगता है।
अल सल्वाडोर के प्रेसिडेंट बुकेले काफी लोकप्रिय हैं और उनका इरादा देश में नया वित्तीय इकोसिस्टम खड़ा करने का है। इसके लिए उन्होंने बिटकॉइन के एक्सपर्ट्स की एक टीम जुटाई है जो नए सिस्टम को तैयार करेगी। डिजिटल करेंसी के समर्थकों का कहना है कि वे अल सल्वाडोर को दुनिया के लिए एक मॉडल बना देंगे।