ब्राजील के प्रेसिडेंट की इमरजेंसी सर्जरी, लगातार 10 दिनों से आ रही हिचकियांं, आखिर क्यों आती है हिचकी

Brazil President : 66 वर्षीय बोलसोनारो को कल राजधानी ब्रासीलिया के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती किया गया है जहां डॉक्टरों का कहना है कि उनकी आंतों में कोई रुकावट है जिसके लिए इमरजेंसी सर्जरी करनी होगी।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shivani
Update: 2021-07-15 05:30 GMT

Brazil President: ब्राज़ील के प्रेसिडेंट जेर बोलसोनारो (Jair Bolsonaro) को दस दिन से लगातार हिचकियां (Non Stop Hiccups) आ रही हैं और अब उनकी इमरजेंसी सर्जरी (President Emergency Surgery) करने की नौबत आ गई है।

मिलिट्री अस्पताल में भर्ती ब्राज़ील के प्रेसिडेंट (Brazil President Hospitalized)

66 वर्षीय बोलसोनारो को कल राजधानी ब्रासीलिया के मिलिट्री अस्पताल में भर्ती किया गया है जहां डॉक्टरों का कहना है कि उनकी आंतों में कोई रुकावट है जिसके लिए इमरजेंसी सर्जरी करनी होगी। अस्पताल लाये जाने के कुछ ही घण्टों बाद बोलसोनारो के एक पुराने डॉक्टर ने उनको साओ पाउलो के अस्पताल में शिफ्ट करने का निर्णय लिया, जहां उनकी कई जांचें की जा रही हैं। इसी डॉक्टर ने 2018 में बोलसोनारो का ऑपेरशन किया था जब चुनाव अभियान के दौरान उनको किसी ने चाकू घोंप दिया था।
2018 की घटना में बोलसोनारो की आंतों में गम्भीर क्षति पहुंची थी और आंतरिक ब्लीडिंग भी बहुत हुई थी। उस घटना के बाद से बोलसोनारो की कई सर्जरी हो चुकी हैं।
बोलसोनारो अब साओ पाउलो के विला नोवा अस्पताल में भर्ती हैं। बोलसोनारो के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट में उनकी एक फोटो पोस्ट की गई है जिसमें वो अस्पताल के बेड पर लेटे हुए हैं और उनके पेट पर कई सेंसर लगे हुए हैं। फोटो में एक ईसाई धर्मगुरु भी दिखाई दे रहे हैं। बोलसोनारो एक रूढ़िवादी ईसाई हैं।
बोलसोनारो के सितारे काफी दिनों से खराब चल रहे हैं। भारत से कोवैक्सिन खरीद मामले में उनकी सरकार के खिलाफ आपराधिक जांच चल रही है, ब्राज़ील में कोरोना कंट्रोल करने में वे बुरी तरह विफल रहे हैं, ब्राज़ील में जंगलों के सत्यानाश हुआ जा रहा है - इन सभी वजहों से बोलसोनारो पर चारों तरफ से आरोप, निंदा और आलोचना हो रही है। उनकी लोकप्रियता बहुत घट गई है और सर्वे बताते हैं कि अगले चुनाव में बोलसोनारो हार सकते हैं।

क्यों आती है हिचकी (Hichki Kyu Aati Hai Hindi

हिचकी आने का वैज्ञानिक कारण डायफ्राम का सिकुड़ना है। डायफ्राम हमारे शरीर का वह भाग होता है जो पेट से छाती को अलग करता है और जब हम सांस लेते और छोड़ते हैं तब यह मुख्य भूमिका निभाता है। जब फेफड़ों में हवा भर जाती है तब डायफ़्राम सिकुड़ जाता है।

जब हम जोर जोर से हँसते हैं तब भी डायफ़्राम सिकुड़ सकता है और हमारी हिचकी शुरू हो सकती है। आमतौर पर तेज़ मसाले वाला खाना खाने, कुछ गर्म खाकर तुरंत बाद बहुत ठंडा खा या पी लेने, जल्दी-जल्दी खाना खाने या फिर पेट फूल जाने के कारण डायफ़्राम को नियंत्रित करने वाली नाड़ियों में कुछ उत्तेजना होती है जिसकी वजह से डायफ़्राम बार बार सिकुड़ता है और हमारे फेफड़े तेज़ी से हवा अंदर खींचते हैं, और यह हवा एकत्रित हो जाता है कई बार ये डकार से बाहर आ जाती है लेकिन कई बार खाने की तहों के बीच फँस जाती है, और हमारी हिचकी लेना शुरू हो जाता है। और जितनी देर में यह सामान्य नहीं हो जाता हिचकी आती ही रहती हैं। हिचकी इस हवा को बाहर निकालने का उपाय है।

हिचकी आने पर क्या करें (Hichki Aane Par Kya Karen)

अगर बार-बार लगातार एक दिन से ज्यादा वक्त से हिचकी आ रही है तो इसे हल्के में बिल्कुल भी न लें। 48 घंटे से ज्यादा वक्त से हिचकी आ रही है तो फौरन डॉक्टर की सलाह लें और इसका कारण जानें। दरअसल, ज्यादा देर से हिचकी आना सीरियस मेडिकल अवस्था का लक्षण है।

अक्सर लगातार हिचकी आने का कारण स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है। हालांकि, कई स्थितियां हैं जो संभावित कारणों के लिए जानी जाती हैं, जैसे कि कान की जलन, गले की सूजन, थायरॉयड ग्रंथि का इज़ाफ़ा, गले में ट्यूमर या अल्सर, गर्भावस्था, हाइपोटेंशन हर्निया, इलेक्ट्रोलाइट गड़बड़ी,
मधुमेह, पार्किंसंस रोग, गुर्दे की विफलता, कैंसर और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों के रूप में पुरानी बीमारी की स्थिति भी ऐसे कारक हो सकते हैं जो लगातार हिचकी की घटना को ट्रिगर करते हैं। इसके अलावा, इस प्रकार की हिचकी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के विकारों के कारण हो सकती है, जिससे शरीर हिचकी को नियंत्रित करने में असमर्थ हो सकता है।

हिचकी से जुड़ी कुछ रोचक बातें 

- हिचकी का चिकित्सा शब्द (नाम) सिंगल्टस है।
- हिचकी लगभग सभी स्तनधारियों में पाई जाती है।
- शिशुओं को अन्य मनुष्यों की तुलना में अधिक हिचकी आती है।
- मेडिकल साइंस के अनुसार लगातार हिचकी आना एक बीमारी है।
- अल्ट्रासाउंड से पता चला है कि भ्रूण को भी हिचकी आती है।
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