ब्रिटेन ने दिया चीन को बड़ा झटका, इस चाइनीज कंपनी पर लगाया सात साल का बैन
कोरोना के संक्रमण और भारत के साथ सैन्य विवाद के बाद चीन को पूरी दुनिया में लगातार झटके लग रहे हैं। अमेरिका और भारत के कड़े कदमों के बाद अब ब्रिटेन ने भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। कोरोना के संक्रमण और भारत के साथ सैन्य विवाद के बाद चीन को पूरी दुनिया में लगातार झटके लग रहे हैं। अमेरिका और भारत के कड़े कदमों के बाद अब ब्रिटेन ने भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चीन की बड़ी कंपनी हुवावे की टेक्नोलॉजी पर प्रतिबंध लगा दिया है। ब्रिटेन की ओर से यह प्रतिबंध सात साल के लिए लगाया गया है। अमेरिका की ओर से दुनिया के विभिन्न देशों से चीन के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की गई थी और माना जा रहा है कि इस अपील के बाद ही ब्रिटेन की ओर से यह कड़ा कदम उठाया गया है।
ब्रिटेन का हुवावे के खिलाफ बड़ा कदम
ब्रिटेन की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के बाद चीनी कंपनी हुवावे अब अगले सात सालों तक ब्रिटेन में 5जी कारोबार नहीं कर सकेगी। ब्रिटेन सरकार की ओर से घरेलू टेलीकॉम कंपनियों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिया गया है। घरेलू टेलीकॉम कंपनियों से कहा गया है वे 2027 तक अपने 5G नेटवर्क से चीनी कंपनी वाले सभी उपकरणों को पूरी तरह हटा दें।
छह महीने में ही बदला फैसला
मजे की बात है कि 6 महीने के भीतर ही ब्रिटेन की सरकार ने हुवावे के संबंध में अपने फैसले को बदला है। इसी साल जनवरी में ब्रिटेन सरकार ने बुलाने को 5G नेटवर्क के संवेदनशील कोर से बाहर रखने का फैसला किया था मगर अन्य क्षेत्रों में उसे 35 फीसदी भागीदारी की अनुमति दी थी मगर अब सरकार ने अपने पूर्व फैसले को बदलते हुए हुवावे को पूरी तरह बैन कर दिया है।
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अमेरिका ने बनाया था ब्रिटेन पर दबाव
अमेरिकन ने इन दिनों हांगकांग, कोरोना, तिब्बत और अन्य मुद्दों को लेकर चीन की कड़ी घेराबंदी कर रखी है और उसके खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने दुनिया के अन्य देशों से भी चीन के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के मानवाधिकार हनन का खुलकर विरोध करने की अपील की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार चीन विरोधी बयान दे रहे हैं। माना जा रहा है कि अमेरिकी दबाव में आकर ब्रिटेन सरकार ने अपना पूर्व का फैसला बदलते हुए हुवावे पर पूर्ण रूप से बैन लगा दिया है।
हुवावे ने फैसले को निराशाजनक बताया
ब्रिटेन सरकार के इस फैसले पर हुवावे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ब्रिटेन का यह फैसला हर स्मार्टफोन यूजर को निराश करने वाला है। ब्रिटेन के इस फैसले से डिजिटल तौर पर देश पीछे जाएगा। कंपनी ने ब्रिटेन से इस फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। कंपनी ने ब्रिटेन को भरोसा दिलाया है कि उसके उपकरणों से ब्रिटेन की सुरक्षा किसी सूरत में प्रभावित नहीं होगी।
चीनी कंपनियों की घेरेबंदी
हाल के दिनों में चीनी कंपनियों के खिलाफ दुनिया के विभिन्न देशों की ओर से कड़े कदम उठाए गए हैं। भारत में भी 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और देश के विभिन्न कामों में चीनी कंपनियों का करार रद्द कर दिया गया है। अमेरिका में भी बुलावे को लेकर हाल के दिनों में काफी बवाल होता रहा है।
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अमेरिका ने कंपनी पर स्मार्टफोन के जरिए देश के नागरिकों की जासूसी करने का बड़ा आरोप लगाया है। अमेरिका का आरोप है कि कंपनी की ओर से चीनी सरकार को नागरिकों की निजी जानकारी मुहैया कराई जाती है। हालांकि कंपनी की ओर से लगातार इन बातों का खंडन किया जाता रहा है। माना जा रहा है कि ब्रिटेन के इस बड़े कदम से कंपनी को आर्थिक तौर पर बड़ा झटका लगेगा।
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