India Vs Canada: कनाडा को अब चुनावों में भारत की छेड़छाड़ का शक
India Vs Canada: कनाडा को अब शक है कि उसके यहाँ हुए पिछले चुनावों में विदेशी ताकतों द्वारा छेड़छाड़ की गयी। जिन विदेशी ताकतों पर शक जताया गया है उनमें भारत का भी नाम है। यह एक ऐसा घटनाक्रम है जो पहले से ही तनावपूर्ण ओटावा-नई दिल्ली संबंधों को और खराब कर सकता है।
Canadian Elections: कनाडा को अब शक है कि उसके यहाँ हुए पिछले चुनावों में विदेशी ताकतों द्वारा छेड़छाड़ की गयी। जिन विदेशी ताकतों पर शक जताया गया है उनमें भारत का भी नाम है। यह एक ऐसा घटनाक्रम है जो पहले से ही तनावपूर्ण ओटावा-नई दिल्ली संबंधों को और खराब कर सकता है।
क्या हुआ है?
हुआ ये है कि कनाडा के चुनाव में कथित विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे एक स्वतंत्र आयोग ने जस्टिन ट्रूडो सरकार से भारत द्वारा चुनावों में संभावित हस्तक्षेप के बारे में जानकारी साझा करने को कहा है। चुनावों को प्रभावित करने के कथित चीनी प्रयासों और जांच के लिए बढ़ते दबाव की रिपोर्ट के बाद कनाडा के मामलों में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच करने के लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार द्वारा सितंबर में आयोग का गठन किया गया था।
इस विशेष आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने कनाडा की सरकार से 2019 और 2021 के चुनावों में भारत द्वारा हस्तक्षेप के आरोपों से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं। क्यूबेक प्रान्त की जज मारी-जोसी होग इस आयोग की अध्यक्ष हैं। उन्हें जिम्मेदारी दी गई है कि वो चुनावों में चीन, रूस और दूसरे देशों द्वारा हस्तक्षेप के आरोपों की स्वतंत्र जांच करें। उम्मीद की जा रही है कि आयोग तीन मई तक एक अंतरिम रिपोर्ट और साल के अंत तक अंतिम रिपोर्ट तैयार कर लेगा।
आयोग ने यह भी कहा कि वह इन विषयों के संबंध में सरकार के अंदर जानकारी की पड़ताल, प्रतिक्रिया में उठाए गए कदमों का मूल्यांकन और विदेशी हस्तक्षेप का पता लगने, उसे रोकने और उसका प्रतिकार करने की सरकार की क्षमता का आंकलन करना चाहेगा और इन विषयों पर अपनी सिफारिशें देगा।
चीन पर आरोप
इस आयोग का गठन बीते साल सितंबर में प्रधानमंत्री ट्रूडो ने किया था। गठन से पहले चीन द्वारा चुनावों को प्रभावित करने के आरोपों की खबरें आई थीं और ट्रूडो की सरकार पर इनकी पड़ताल का दबाव बढ़ रहा था। चीन ने इन आरोपों का बार बार खंडन किया है। भारत ने अभी तक इन घटनाओं पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। कनाडा ने पिछले साल ब्रिटिश कोलंबिया में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंटों का हाथ होने का आरोप लगाया था। भारत ने इन आरोपों का खंडन किया है। कनाडा के अधिकारियों ने अभी तक इस हत्या के लिए किसी के खिलाफ आरोप लगाए नहीं हैं।