Cooking oil: सावधान! कुकिंग आयल में मिला कैंसर पैदा करने वाला केमिकल, जांच में हुआ खुलासा

Cooking oil: हांगकांग की कंज्यूमर काउंसिल द्वारा जारी निष्कर्ष में खुलासा किया गया है कि 60 प्रतिशत नमूनों में 3-एमसीपीडी मिला जो एक संभावित कैंसरकारी रसायन माना जाता है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-07-20 18:40 IST

 कुकिंग आयल में मिला कैंसर पैदा करने वाला केमिकल: Photo - Social Media

Lucknow: खाद्य तेल यानी कुकिंग ऑयल (cooking oil) के बारे में कई तरह की आशंकाएं और चिंताएं जाहिर की जाती हैं। अब हांगकांग में खाना पकाने के तेल के 50 नमूनों में से सैंतालीस नमूनों में कम से कम एक हानिकारक केमिकल पाया गया है। जबकि 40 प्रतिशत नमूनों में तीन या उससे अधिक प्रकार के केमिकल मिले हैं।

हांगकांग की कंज्यूमर काउंसिल (consumer council of hong kong) द्वारा जारी निष्कर्ष में खुलासा किया गया है कि 60 प्रतिशत नमूनों में 3-एमसीपीडी मिला जो एक संभावित कैंसरकारी रसायन (carcinogenic chemicals) माना जाता है। काउंसिल की शोध और परीक्षण समिति के उपाध्यक्ष लुई विंग-चेओंग (Louis Wing-cheong) ने कहा कि प्रयोगशाला में जानवरों पर किये गए प्रयोग से पता चला है कि लंबे समय तक इस रसायन के संपर्क में रहने से किडनी फंक्शन, सेंट्रल नर्वस सिस्टम और पुरुष प्रजनन प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

खाना पकाने में एक अनिवार्य घटक

उन्होंने कहा, चूंकि खाना पकाने का तेल हर दिन खाना पकाने में एक अनिवार्य घटक है, इसलिए निर्माताओं की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वे अपनी गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करें, और किसी भी हानिकारक दूषित पदार्थों को रोकें, ताकि उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि भविष्य में यह सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण किए जाएंगे कि कारखाने से उत्पादों को बाहर निकलने से पहले पहले मानकों को पूरा किया गया था।

उन्होंने बताया कि लगभग 60 प्रतिशत या 29 नमूनों में जीनोटॉक्सिक कार्सिनोजेन ग्लाइसीडोल भी पाया गया। ये थे सुपरफूडलैब द्वारा निर्मित नारियल का तेल और यू पिन किंग द्वारा निर्मित शुद्ध मूंगफली का तेल था, जिसमें क्रमशः 1,100 माइक्रोग्राम और 2,000 माइक्रोग्राम ग्लाइसीडोल पाया गया। यूरोपीय संघ के मानकों में निर्धारित अधिकतम स्तर 1,000 माइक्रोग्राम प्रति किलोग्राम है।

दो अन्य नमूनों में जीनोटॉक्सिक कार्सिनोजेन, बेंजो [ए] पाइरीन पाए गए

दो अन्य नमूने में जीनोटॉक्सिक कार्सिनोजेन, बेंजो [ए] पाइरीन पाए गए, जिनमें से एक यूरोपीय संघ के मानक से अधिक था। एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल के एक नमूने और कैमेलिया तेल के दो नमूने में 3-एमसीपीडी और ग्लाइसीडॉल दोनों पाए गए, जिन्हें कोल्ड-प्रेस्ड के रूप में लेबल किया गया था। इसका मतलब है कि रसायनों को तकनीकी रूप से मौजूद नहीं होना चाहिए क्योंकि उनका उच्च तापमान के साथ ट्रीटमेंट नहीं किया गया था।

काउंसिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गिली वोंग फंग-हान ने कहा कि इन तेलों के नियमित मात्रा में सेवन से किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य पर बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा, बेहतर होगा कि ग्लाइसीडॉल और बेंजो [ए] पाइरीन जैसे रसायनों का कम सेवन किया जाए।

काउंसिल ने लोगों से खाना पकाने के लिए ऐसा तेल चुनने की सलाह दी है जिसमें मुख्य रूप से अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, और कम ट्रांस फैटी एसिड और सैचुरेटेड फैटी एसिड सामग्री वाले होते हैं। लोगों से ये भी कहा गया है कि वे ऐसे तेल के इस्तेमाल से बचें जिनसे बहुत धुआं होता है क्योंकि यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।

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