चीन ने पाकिस्तान को दिया धोखा, यहां पर कर लिया कब्जा, इमरान की हालत खराब
पाकिस्तान की इमरान सरकार ने सिंध प्रांत के ट्विन आइलैंड को चीन को देने का निर्णय लिया है। ये द्वीप दिंगी और भुंदर के हैं। सिंध में स्थित द्वीपों पर नियंत्रण के लिए इमरान खान की सरकार एक प्रेसिडेंशियल ऑर्डिनेंस लाई है। अब इसके बाद इमरान सरकार का सिंध में भारी विरोध रहा है।
लखनऊ: पाकिस्तान और चीन की दोस्ती जगजाहिर है। पूरी दुनिया जानती है कि चीन किसी देश का सगा नहीं है। अब उसने अपने दोस्त पाकिस्तान को बड़ा धोखा दिया है। चीन ने पाकिस्तान को आर्थिक गलियारे के नाम पर विकास का सपना दिखाया था, लेकिन अब पाकिस्तान की जमीन पर धीरे कब्जा जमाने लगा है। लेकिन भारत से दुश्मनी में पाकिस्तान अंधा हो चुका है और उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।
पाकिस्तान में चीन को दो द्वीपों को सौंपने का मामला गरम हो गया है। विपक्षी पार्टियों और लोगों के निशाने पर इमरान सरकार है। पड़ोसी देश की जनता सरकार के इस कदम का भारी विरोध कर रही है। विपक्षी पार्टियों और कई संगठनों ने घोषणा की है कि वे किसी भी कीमत पर दोनों द्वीपों को बेचने नहीं देंगे।
पाकिस्तान की इमरान सरकार ने सिंध प्रांत के ट्विन आइलैंड को चीन को देने का निर्णय लिया है। ये द्वीप दिंगी और भुंदर के है। सिंध द्वीपों पर नियंत्रण के लिए इमरान खान की सरकार एक प्रेसिडेंशियल ऑर्डिनेंस लाई है। अब इसके बाद इमरान सरकार का सिंध में भारी विरोध रहा है। 11 अक्टूबर को इमरान सरकार के खिलाफ सिंध में जबरदस्त प्रदर्शन हुआ।
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बिलावल भुट्टो बोले- अवैध रूप से किया कब्जा
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के लिए इमरान सरकार ने दक्षिण कराची स्थित इन दो द्वीपों को चीन को देने का निर्णय लिया है। देखा जाए तो सामरिक दृष्टि से ये द्वीप बेहद महत्वपूर्ण हैं और सिंध प्रांत के लंबे समुद्र तट पर फैले हैं। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पाकिस्तान आइलैंड विकास प्राधिकरण के माध्यम से दिए गए विधेयक पर हस्ताक्षर भी कर दिया है।
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विधेयक के पारित होने के बाद सिंध और बलूचिस्तान में सियासी तूफान आ गया है। सिंध प्रांत में सत्तासीन पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की सरकार है। पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान सरकार पर निशाना है। उन्होंने इसको अवैध रूप से कब्जा करना बताया है। जियो सिंधी थिंकर्स फोरम का कहना है कि अपनी जमीन को किसी भी कीमत पर बेचने नहीं देंगे।
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पाकिस्तान में भारी विरोध
इन द्वीपों को चीन को देने के फैसले का पाकिस्तान में भारी विरोध हो रहा है। वहां लोगों और राजनीति पार्टियों का मानना है कि चीन ने सीधेतौर पर कब्जा कर लिया है। लेकिन पाकिस्तान में सरकार और सेना के खिलाफ उठने वाली हर आवाज कुचल दिया जाता है। इस बार सरकार और सेना लोगों और सियासी दलों के आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। इमरान सरकार ने विरोध करने वाले कुछ संगठनों पर पाबंदियां लगा दी थीं। बलूचिस्तान की नेशनल पार्टी ने देश भर में आंदोलन करने की घोषणा की है।
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