China ने बनाया नया सीमा कानून, खुद को मनमानी की पूरी छूट दी

China new border law: चीन ने इस साल के शुरू में कोस्टगार्ड कानून बनाया था। इस कानून के तहत उसने दक्षिण चीन सागर में अपनी कार्रवाइयों को कानूनी जमा पहनाया था।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Monika
Update:2021-10-28 12:17 IST

 चीन ने बनाया नया सीमा कानून (photo : social media)

China new border law: चीन ने एक नया सीमा कानून पास किया है (China new border law) और अपने सीमाई इलाकों में पूरी मनमानी की छूट खुद को दे दी है। वैसे, चीन का कहना है कि नए भूमि सीमा कानून का मकसद सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे और अन्य विकास कार्यों को प्रोत्साहित करते हुए देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा पर जोर देना है (protect territorial integrity of country)। चीन के नए कानून ने भारत के सीमावर्ती इलाकों में चिंता और बढ़ा दी है। यह कानून पहली जनवरी से प्रभावी होगा।

चीन ने इस साल के शुरू में कोस्टगार्ड कानून बनाया था। इस कानून के तहत उसने दक्षिण चीन सागर में अपनी कार्रवाइयों को कानूनी जमा पहनाया था। कुछ इसी तरह चीन का जमीनी सीमा कानून भारत और भूटान से लगी सीमा पर उसकी सेना द्वारा की जा रही कार्रवाइयों को एक कानूनी जामा पहनाना है। इससे व्यापक स्तर पर कुछ बदलाव नहीं आएगा लेकिन उसकी सेना जमीनी स्तर पर जो काम कर रही है, उसको अब कानूनी संरक्षण मिल गया है।

चीन ने बनाया नया सीमा कानून (फोटो : सोशल मीडिया )

क्या है नया कानून (kya hai china naya kanun) 

चीन के सीमा कानून के तहत सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाएगी, इन इलाकों में आर्थिक, सामाजिक विकास के साथ बुनियादी ढांचे को भी विकसित किया जाएगा और सीमांत इलाकों में आम लोगों को बसाया जाएगा। ये सब कदम सीमा के इलाकों में दखल बढ़ाने वाले हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर और आम लोगों की बस्तियों को बसाए जाने से किसी भी दूसरे देश के लिए इन इलाकों में सैन्य कार्रवाई बहुत मुश्किल हो जाएगी।

नए कानून में कहा गया है कि चीन समानता, परस्पर विश्वास और मित्रतापूर्ण बातचीत के सिद्धांतों का पालन करते हुए पड़ोसी देशों के साथ जमीनी सीमा संबंधी मुद्दों से निपटेगा और लंबे अरसे से लंबित सीमा विवादों के समुचित समाधान के लिए बातचीत का सहारा लेगा। चूंकि भारत के साथ चीन का घर सीमा विवाद है सो इस नए कानून का असर पड़ने की संभावना है। चीन के सीमा कानून की एक वजह अफगानिस्तान भी बताई जा रही है। चीन को आशंका है कि वहां से शरणार्थी और इस्लामी कट्टरपंथी चीन की सीमा में आ सकते हैं और वहां शिनजियांग इलाके में उइगुर विद्रोहियों के साथ संपर्क स्थापित कर सकते हैं।

सीमा पर हलचल (sima par halchal)

चीन बीते कुछ साल से सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे को लगातार मजबूत करता रहा है। उसने हवाई, रेल और सड़क नेटवर्क का विस्तार करने के साथ ही तिब्बत में बुलेट ट्रेन (Tibet me bullet train) भी चला दी है। यह ट्रेन अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती कस्बे निंग्ची तक जाती है। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 3,488 किलोमीटर लंबे इलाके में है। लद्दाख की गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद चीन पर अक्सर पूर्वी और पूर्वोत्तर सीमा पर घुसपैठ करने के भी आरोप लगते रहे हैं। चीन की सेना के हाथों कई भारतीय नागरिकों के अपहरण के मामले में सामने आ चुके हैं।

भारत-चीन (फोटो : सोशल मीडिया )

भारत की तैयारी (Bharat ki taiyari) 

चीन की गतिविधियों से निपटने के लिए भारत भी अरुणाचल प्रदेश में अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में जुटा है। इसमें हर मौसम में सीमावर्ती क्षेत्रों तक आवाजाही आसान बनाने वाली नई सुरंगों के अलावा नई सड़कों का निर्माण, पुल, हेलीकॉप्टर बेस बनाना और गोला-बारूद के लिए भूमिगत भंडारण वाले ठिकाने तैयार करना शामिल है। चीन के साथ जारी गतिरोध के दौर में इन परियोजनाओं का काम तेज कर दिया गया है।

पड़ोसी देशों में सक्रियता

चौतरफा दबाव बढ़ाने की रणनीति के तहत चीन ने जहां हाल में भूटान के साथ आपसी सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, वहीं पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में उसकी सक्रियता भी बढ़ी है। ये सब भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली बातें है। भूटान के साथ चीन का विवाद 400 किलोमीटर लंबी सीमा को लेकर है। हाल में उसने भूटान के साथ सीमा विवाद सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

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