China-Taiwan Conflict: ताइवान से साउथ कोरिया के लिए निकलीं नैंसी पेलोसी, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका ने शुरू किया सैन्य अभ्यास

Nancy Pelosi Taiwan Tour: अमेरिका की स्पीकर नैंसी पेलोसी (US Speaker Nancy Pelosi) अपना ताइवान दौरा खत्म कर साउथ कोरिया (South Korea) के लिए निकल चुकी हैं।

Update: 2022-08-03 11:35 GMT

अमेरिका की स्पीकर नैंसी पेलोसी: Photo- Social Media

China-Taiwan Conflict: अमेरिका की स्पीकर नैंसी पेलोसी (US Speaker Nancy Pelosi) अपना ताइवान दौरा खत्म कर साउथ कोरिया (South Korea) के लिए निकल चुकी हैं। दक्षिण कोरिया इस क्षेत्र में जापान (Japan) की तरह ही अमेरिका का अहम साझीदार है और चीन के साथ उसका भी विवाद चल रहा है। हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo Pacific region) में चीन की बढ़ती दादागिरी को देखते हुए अमेरिका (America) ने इस क्षेत्र में एक बड़ा सैन्य अभ्यास (military exercises) शुरू किया है। इस सैन्य अभ्यास में अमेरिका और इंडोनेशिया के अलावा अन्य देश भी शामिल हुए हैं।

जकार्ता स्थिति अमेरिकी दूतावास ने बताया कि इस सैन्य अभ्यास में अमेरिका, इंडोनेशिया, सिंगापुर, जापान और आस्ट्रेलिया के 5 हजार जवान हिस्सा ले रहे हैं। साल 2009 में शुरू हुए इस अभ्यास में ये पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में सैनिक भाग ले रहे हैं। इसमें थलसेना, नौसेना, वायुसेना और मरीन भाग ले रहे हैं। इसमें अमेरिका का खतरनाक विमानवाहक युद्धपोत यूएसएस अब्राहम लिंकन भी हिस्सा ले रहा है।

चीन के धमकी के मद्देनजर बेहद अहम है ये अभ्यास

अमेरिका के निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे ने इस क्षेत्र में तनाव को बढ़ा दिया है। चीन लगातार अमेरिका को ताइवान दौरे से बचने की चेतावनी दे रहा था। लेकिन अमेरिका ने चीनी चेतावनियों को दरकिनार करते हुए अपने शीर्ष राजनेता को वहां भेजा। नाराज चीन ने ताइवान के आसपास छह क्षेत्रों में सैन्य अभ्यास करने की घोषणा कर दी है।

Photo- Social Media

मंगलवार से ही कई चीनी फाइटर जेट और युद्धपोत ताइवान की सीमा के पास मंडरा रहे थे। हालांकि, उन्होंने नैंसी के प्लेन को रोकने की हिमाकत नहीं की। चीन पेलोसी के दौरे के बाद से अमेरिका को खराब अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा है।

चीन को बड़ा संदेश देने की कोशिश

इन धमकियों के बीच हिंद प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और इंडोनेशिया के बीच शुरू हुआ सैन्य अभ्यास अपने आप में काफी अहम है। इस अभ्यास में क्षेत्र के अन्य देशों ने शामिल होकर चीन को बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

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