Hippo in India: कोलंबिया में ज्यादा हो गए हिप्पो, अब भारत भेजने की योजना

Hippo in India: दक्षिण अमेरिकी देश कोलम्बिया में हिप्पोपोटामस यानी दरियायी घोड़ों की आबादी कुछ ज्यादा ही हो गई है। ऐसे में कोलम्बिया ने कम से कम 70 हिप्पोपोटामस को भारत और मेक्सिको स्थानांतरित करने का प्रस्ताव किया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2023-03-03 11:01 IST

Hippo in India (Photo: Social Media)

Hippo in India: दक्षिण अमेरिकी देश कोलम्बिया में हिप्पोपोटामस यानी दरियायी घोड़ों की आबादी कुछ ज्यादा ही हो गई है। ऐसे में कोलम्बिया ने कम से कम 70 हिप्पोपोटामस को भारत और मेक्सिको स्थानांतरित करने का प्रस्ताव किया है। इत्तेफाक से ये वही हिप्पो हैं जो कुख्यात कोकीन ड्रग माफिया पाब्लो एस्कोबार के रैंच में पले हुए थे। पाब्लो एस्कोबार ने 1980 के दशक में चार हिप्पो अवैध रूप से अफ्रीका से आयात किए थे। वही चारों के वंशज अब बढ़ कर दर्जनों हो गए हैं। उनकी आबादी को नियंत्रित करने की योजना के हिस्से के रूप में इन्हें अन्यत्र भेजा जाएगा।

तीन टन वजनी

ये हिप्पो कोलंबिया की राजधानी बोगोटा से 200 किलोमीटर दूर मैगडालेना नदी के किनारे स्थित हैसिंडा नेपोल्स रैंच से बहुत आगे तक फैल गए हैं। ये हिप्पो 3 टन तक वजनी हैं। पर्यावरण अधिकारियों का अनुमान है कि एंटिओक्विया प्रांत के क्षेत्र में लगभग 130 हिप्पो हैं और उनकी आबादी आठ वर्षों में 400 तक पहुंच सकती है।

पर्यटकों का आकर्षण

1993 में पुलिस द्वारा पाब्लो एस्कोबार को मार गिराए जाने के बाद से एस्कोबार के हैसिएंडा नेपोल्स रैंच और दरियाई घोड़े, स्थानीय पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।

वैज्ञानिकों की चेतावनी

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कोलम्बिया में हिप्पो का कोई प्राकृतिक शिकारी नहीं है और जैव विविधता के लिए एक संभावित समस्या है क्योंकि उनके मल से नदियों की संरचना बदल जाती है और यह अन्य जीव जंतुओं के आवास को प्रभावित कर सकता है। पिछले साल कोलंबिया की सरकार ने हिप्पो को एक "जहरीली आक्रामक प्रजाति" घोषित किया था।

बाहर भेजने की योजना

कोलंबिया के पर्यावरण मंत्रालय में पशु संरक्षण और कल्याण निदेशक लीना मार्सेला डे लॉस रिओस मोरालेस ने कहा है कि हिप्पो को भारत और मैक्सिको ले जाने की योजना एक साल से अधिक समय से बन रही है।हिप्पो को बड़े, लोहे के कंटेनरों में बन्द करके 150 किमी दूर रिओनेग्रो शहर स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ट्रक द्वारा स्थानांतरित किया जाएगा। वहां से, उन्हें भारत और मैक्सिको ले जाया जाएगा, जहां अभयारण्य और चिड़ियाघर हैं जो जानवरों को ले जाने और उनकी देखभाल करने में सक्षम हैं।

गुजरात लाये जा सकते हैं

भारत में गुजरात स्थित ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन किंगडम को 60 हिप्पो भेजने की योजना है। जिसके बारे में डी लॉस रियोस मोरालेस ने कहा कि कोलंबिया ही कंटेनरों और एयरलिफ्ट की लागत को वहन करेगा। अन्य 10 हिप्पो मेक्सिको में सिनालोआ में स्थित ओस्टोक जैसे चिड़ियाघरों और अभयारण्यों में जाएंगे। इसके अलावा इक्वाडोर, फिलीपींस और बोत्सवाना ने भी कोलंबियाई हिप्पो को अपने देशों में स्थानांतरित करने की इच्छा व्यक्त की है।

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