Corona Ka Naya Varient : यूरोप में फिर कोरोना का शिकंजा, नया वेरियंट भी मिला

Corona Ka Naya Varient : ब्रिटेन में डेल्टा का नया सब वेरियंट ‘ए.वाई.4.2’ फैल रहा है, जिसे डेल्टा प्लस नाम दिया गया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-10-23 13:28 GMT

कोरोना वायरस (फोटो- सोशल मीडिया)

Corona Ka Naya Varient : कोरोना वायरस महामारी एक तरफ जहाँ कुछ देशों में कंट्रोल में आती नजर आ रही है, वहीं ब्रिटेन, उक्रेन, पोलैंड, जर्मनी, रूस आदि देशों में संक्रमण फिर बहुत तेजी से बढ़ने लगा है। यही नहीं, ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देशों में तो कोरोना का एक नया वेरियंट सामने आया है ,जो डेल्टा वेरियंट का बदला हुआ स्वरूप है।

ब्रिटेन में डेल्टा का नया सब वेरियंट 'ए.वाई.4.2' फैल रहा है, जिसे डेल्टा प्लस नाम दिया गया है। इसमें वायरस की स्पाइक प्रोटीन में हुए दो नए म्यूटेशन शामिल हैं, जिनकी वजह से यह शरीर के भीतर आसानी से पहुँच जाता है। इस सब वेरियंट के कुछ मामले अमेरिका में भी पाए गए हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार नया वेरियंट डेल्टा के मुकाबले 10 से 15 फीसदी ज्यादा संक्रामक है।

अमेरिका के टॉप वैज्ञानिक की चेतावनी

यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन के जेनेटिक्स इंस्टिट्यूट के निदेशक फ़्रन्कोइस बैलोक्स के अनुसार डेल्टा प्लस एबोला, सार्स, मर्स और स्पेनिश फ्लू से ज्यादा संक्रामक है। ये म्यूटेशन अमेरिका के कम से कम पांच राज्यों में भी पाया गया है।

अमेरिका के टॉप वैज्ञानिक अन्थोनी फौची ने चेतावनी दी है कि ऐसे कोरोना के ऐसे शक्तिशाली वेरियंट फ़ैल सकते हैं जिन पर वैक्सीन भी शायद असर न करे। इसलिए जल्दी से जल्दी लोगों का वैक्सीनेशन हो जाना जरूरी है। क्योंकि जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी है वही सबसे ज्यादा रिस्क में हैं और ऐसे ही लोग आगे संक्रमण और नए म्यूटेशन फैलायेंगे।

फोटो- सोशल मीडिया

अमेरिका के मिशिगन प्रान्त में 20 और 21 अक्टूबर को कोरोना के 7505 नए केस मिले और 118 लोगों की मौत हो गयी। इस राज्य में कोरोना पॉजिटिवटी दर 11.64 फीसदी है। इससे स्थिति की गंभीरता का पता चलता है।

सिर्फ एक तिहाई आबादी ही वैक्सीनेटेड

जर्मनी में मई के बाद से पहली बार संक्रमण की तादाद तेजी से बढ़ी है। प्रति एक लाख की आबादी पर सौ केस सामने आये हैं। जर्मनी में बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन होने के बावजूद संक्रमण बढ़ने से हालात चिंताजनक बनने लगे है । लेकिन अच्छी बात यह है कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है। लेकिन मौतों की संख्या बढ़ कर एक दिन में 86 पहुँच गयी है।

रूस में रोजाना एक हजार से ज्यादा मौतें दर्ज की जा रही हैं। वहां एक दिन में 37678 केस दर्ज किये गए और 1075 मौतें हुईं हैं। रूस ने दुनिया में सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन बना लेने का दावा किया था । लेकिन अब तक सिर्फ एक तिहाई आबादी को ही वैक्सीन लग पाई है।

देश में चिंताजनक स्थिति को देखते हुए प्रेसिडेंट पुतिन ने नवम्बर के पहले सप्ताह में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की मंजूरी दे दी है जबकि मास्को में 28 अक्टूबर से ही आंशिक लॉकडाउन लगा दिया जाएगा।

उधर उक्रेन में पिछले एक दिन में कोरोना से 614 मौतें दर्ज की गयी हैं। देश में अब तक 27 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं , जबकि 63 हजार मौतें हुईं हैं। अब जिन इलाकों में संक्रमण ज्यादा फैला है , वहां स्कूल दो हफ्ते के लिए बंद कर दिए गए हैं, इनमें राजधानी कीव भी शामिल है। उक्रेन में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने के लिए वैक्सीन प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है। देश में 4 करोड़ की जनसंख्या में सिर्फ 68 लाख लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है।

यूरोप के एक अन्य देश पोलैंड में भी कोरोना की स्थिति बिगड़ रही है। यहाँ 22 अक्टूबर को 5700 नए केस सामने आये जो एक हफ्ता पहले की तुलना में दुगुना हैं। पोलैंड की सरकार ने देश में कोरोना की चौथी लहर आने की चेतावनी दी है , जबकि स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। यह एक डरावना ट्रेंड है। पोलैंड के लुब्लिन शहर में सबसे बुरी स्थित है , जहाँ अस्पताल फुल हो चुके हैं। पोलैंड पिछले साल कोरोना से बुरी तरह त्रस्त रहा था।बड़ी संख्या में यहाँ मौतें हुईं थीं।

लात्विया, बुल्गारिया और रोमानिया में भी संक्रमण शीर्ष लेवल पर पहुँच चुका है और अस्पतालों में मरीजों की बड़ी संख्या हो गयी है।

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