इस देश ने कोरोना वायरस की बना ली वैक्सीन! पीड़ितों को जल्द मिलेगी दवा

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नोवल कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। इस महामारी से कई लोगों की जान जा चुकी है।

Update: 2020-03-12 16:35 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपा रखा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने नोवल कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है। इस महामारी से कई लोगों की जान जा चुकी है तो वहीं कई लोग इस वायरस की चपेट में हैं। लेकिन इस बीच लोगों के लिए कोरोना वायरस को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है।

कोरोना वायरस की दहशत के बीच एक देश ने दावा किया है कि उसने कोरोना वायरस जैसी जानलेवा बीमारी के लिए वैक्सीन बना ली है। जल्द ही इस वैक्सीन (टीके) की खेप सभी संक्रमित देशों को भेजे जाने की उम्मीद है।

मिली जानकारी के मुताबिक इजराइल के इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों ने इस खतरनाक बीमारी का तोड़ निकाल लिया है। इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस (COVID-19) के टीके बनाए जा चुके हैं और उन्हें जल्द ही आधिकारिक मान्यता भी मिल जाएगी।

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तो वहीं इजराइल के रक्षा मंत्री नेफटाली बेनिट ने कहा है कि हमारे वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के ऊपर शोध करके वायरस के नेचर को समझा है। साथ ही कोरोना वायरस के जैविक तंत्र (Biologyical System) के बारे में भी बारीकी से अध्यन कर इसकी पहचान करने में सफलता पाई है।

इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने स्थानीय न्यूजको बताया कि कोरोनो वायरस के प्रतिरोधक को विकसित करने में वक्त लगा, लेकिन जल्द ही इसके इस्तेमाल से सफलता मिल सकती है। उनका कहना है कि संस्थान में 50 से अधिक अनुभवी वैज्ञानिक वायरस के वैक्सीन बनाने के कार्य में लगे हुए हैं।

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उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस वैक्सीन खोजने या परीक्षण किट खोजने के लिए व्यवस्थित कार्य योजना के अनुसार किया जाएगा। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के विकास प्रक्रिया को परीक्षण और प्रयोगों की एक श्रृंखला की आवश्यकता होती है जो टीकाकरण के प्रभावी और सुरक्षित होने में मदद करता है।

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जानकारी के मुताबिक कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए कई तरह के परीक्षण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। इसमें पहले जानवरों फिर उसके बाद इंसानों के ऊपर नई दवाई का प्रयोग किया गया है. इस दौरान वैक्सीन के इफेक्ट और साइड इफेक्ट की जांच कर अध्ययन भी हो रहा है।

इसके बाद वैक्सीन को चीनी दवा नियामक और अमेरिका की खाद्य एवं औषधि प्रशासन यानी (FDA) को भेजा जाएगा। इसके बाद वैक्सीन को मान्यता के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद वैक्सीन को कोरोना प्रभावित देशों में भेजा जा सकता है।

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