Corona Vaccine: ओमीक्रान पर चीनी वैक्सीन और एंटीबाडी कॉकटेल दवाएं बेअसर

Corona Vaccine: चीन की सीनोवैक और अमेरिका जॉनसन एंड जॉनसन के बारे में पता चला है कि ये वैक्सीनें ओमीक्रान के खिलाफ कतई कारगर नहीं है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shreya
Update:2021-12-15 12:38 IST

कोरोना वैक्सीन (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Corona Vaccine: कोरोना वायरस के ओमीक्रान वेरियंट (Coronavirus Omicron Variant) के बारे में वैक्सीनों के फ्रंट पर एक के बाद एक निराशाजनक चीजें सामने आ रही हैं। अब चीन की सीनोवैक (Sinovac Vaccine) और अमेरिका जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson Vaccine) के बारे में पता चला है कि ये वैक्सीनें ओमीक्रान के खिलाफ कतई कारगर नहीं है। 

इसके अलावा दूसरी चिंताजनक बात ये है कि ओमीक्रान संक्रमण (Omicron Variant) से बीमार हुए लोगों पर एंटीबॉडी कॉकटेल (Cocktail Antibodies) या मोनोक्लोनल एंटीबाडीज (Monoclonal Antibodies) भी काम नहीं करती हैं। ये दोनों बातें अलग अलग रिसर्च (Omicron Variant Study) में सामने आयी हैं। 

कोविड वैक्सीन (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

सीनोवैक वैक्सीन (Sinovac Vaccine)

यूनिवर्सिटी ऑफ़ हांगकांग (The University of Hong Kong) के शोधकर्ताओं ने चीनी वैक्सीन (Chinese Vaccine) सीनोवैक की दोनों डोज़ पा चुके लोगों का अध्ययन करने के बाद पाया है कि किसी भी व्यक्ति के ब्लडसीं में ओमीक्रान को ख़त्म करने वाली पर्याप्त एंटीबाडीज नहीं थीं। ये बात इसलिए और महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि सीनोवैक वैक्सीन (Sinovac Vaccine) बहुत से देशों में बहुतायत से इस्तेमाल की जा रही है। इस वैक्सीन की 2.3 अरब डोज़ चीन, अफ्रीका और कई अन्य जगहों पर लग चुकी हैं। ऐसे में जो लोग कोरोना से बचाव के लिए चीनी वैक्सीन पर निर्भर हैं उनके लिए ये चिंताजनक है। प्रख्यात माइक्रोबायोलॉजिस्ट यूएन क्वोक युंग के नेतृत्व में की गयी इस रिसर्च के निष्कर्ष क्लिनिकल इन्फेक्शस डिजीज पत्रिका में प्रकाशित होंगे।

चीन ने जीरो कोरोना नीति (Zero Corona Policy) अपना राखी है लेकिन ऐसे में सीनोवैक के ये रिजल्ट आने पर उसके खिलाफ सबसे बड़ा ख़तरा उत्पन्न हो गया है। चीन में वैसे भी ओमीक्रान का संक्रमण पहुँच चुका है। चीन में 1 अरब 40 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) हो चुका है और इनमें से अधिकांश को सीनोवैक की डोज़ ही लगी है।  

Johnson वैक्सीन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)  

जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन नहीं बना रही एंटीबॉडी

दूसरी और साउथ अफ्रीका में जोहानसबर्ग यूनिवर्सिटी (Johannesburg University) की एक वैज्ञानिक ने लैब परीक्षणों (Lab Tests) के बाद निष्कर्ष निकाला है कि जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन (Johnson & Johnson Corona Vaccine) ओमीक्रान के खिलाफ तनिक भी एंटीबाडी नहीं बना रही है। रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों को ये वैक्सीन लगी है उनके ब्लड प्लाज्मा की जांच से पता चला है कि वैक्सीन जनित इम्यूनिटी का ओमीक्रान पर असर नहीं है। 

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

कोरोना का इलाज (Corona Treatment)

कोरोना वायरस (Coronavirus) से बीमार लोगों के इलाज में मोनोक्लोनल एंटीबाडीज (Monoclonal Antibodies For Covid) का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अब जर्मनी के शोधकर्ताओं ने पता किया है कि अमेरिका की दिग्गज फार्मा कंपनी एली लिली और रिजेनेरोन द्वारा डेवलप की गयी कोरोना थेरेपी ओमीक्रान के खिलाफ कारगार साबित नहीं हैं। शोधकर्ताओं का ये निष्कर्ष लैब में परीक्षण के बाद निकला है।

जर्मनी में वैज्ञानिकों के दो ग्रुपों ने अलग अलग रिसर्च में पाया है कि एली लिली की बैम्लानिविमैब और ईटीस्वीमैब और रिजेनेरोन की रोनाप्रीवी एंटीबाडी कॉकटेल दवाओं का पर्यत्प्त असर ओमीक्रान पर नहीं देखा गया है। वहीं ग्लैक्सो स्मिथ क्लाइन और विर कंपनियों की दवायें असरदार निकली हैं।

वैज्ञानिकों का कहना है कि कई मोनोक्लोनल एंटीबाडी में वायरस को ख़त्म करने की पर्याप्त क्षमता नहीं मिली है और इसके चलते ओमीक्रान से हुई बीमारी के इलाज के विकल्प काफी सीमित हो जाते हैं। एली लिली की एंटीबाडी कॉकटेल ओमीक्रान वायरस को मानव कोशिका में घुसने से रोकने में फेल रही है और यही स्थिति रिजेनेरोन की दवा की है। 

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